लेंस इंटरनेशनल डेस्क। 4 जुलाई 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ ( ONE BIG BEAUTIFUL BILL) पर साइन किए, इस बिल को ट्रम्प ने अमेरिका के 249वें जन्मदिन का सबसे बड़ा तोहफा बताया। इस बिल का असली नाम ‘अमेरिकन रिन्यूअल एंड प्रॉस्पेरिटी एक्ट’ है और ये अमेरिका की इकॉनमी, इमिग्रेशन, हेल्थ और पर्यावरण से जुड़ी पॉलिसी में बड़े बदलाव लाने की ओर इशारा कर रहा है। इस बिल को अमेरिकी संसद में 218 सांसदों का समर्थन हासिल हुआ जबकि इसके विरोध में 214 वोट पड़े, एलेन मस्क भी इस बिल के विरोध में हैं ऐसे में ये बिल चर्चा में बना हुआ है और भारत पर इसका असर पड़ने की संभावना है।
बिल में क्या है ?
टैक्स में छूट: ट्रंप ने 2017 के अपने टैक्स कट्स को और पक्का कर दिया। इसमें 4.5 ट्रिलियन डॉलर की टैक्स छूट है। वेटरों की टिप्स और ओवरटाइम पैसे पर टैक्स खत्म कर दिया गया। 65 साल से ऊपर वालों को 6,000 डॉलर की टैक्स छूट मिलेगी अगर उनकी कमाई सीमित हो।
गरीबों की योजनाओं में कटौती: मेडिकेड और फूड स्टैम्प जैसी स्कीम्स में 1.2 ट्रिलियन डॉलर की कटौती हुई है। मेडिकेड के नए नियमों से लाखों लोग हेल्थ इंश्योरेंस खो सकते हैं।
बॉर्डर सिक्योरिटी: मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार के लिए 46 अरब डॉलर, 100,000 डिटेंशन बेड्स के लिए 45 अरब डॉलर और 10,000 नए इमिग्रेशन ऑफिसर भर्ती होंगे।
पर्यावरण पर चोट: सोलर और बैटरी प्रोजेक्ट्स की सब्सिडी काट दी गई और तेल-गैस खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कर्ज बढ़ेगा: ये बिल 10 साल में 3.3 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज बढ़ा सकता है। टैक्स कटौती से सरकार का खजाना 4 ट्रिलियन तक कम हो सकता है।
चर्चा में क्यों है?
अमीरों को फायदा, गरीबों को नुकसान : लोग कह रहे हैं कि ये बिल अमीरों और कंपनियों को फायदा देगा लेकिन गरीबों की मदद वाली स्कीम्स में कटौती से आम लोग परेशान होंगे। टैक्स पॉलिसी सेंटर का कहना है कि टॉप 1% अमीरों को 10,950 डॉलर का फायदा होगा लेकिन सबसे गरीब 20% को सिर्फ 150 डॉलर।
चीन को मौका: सोलर और क्लीन एनर्जी में कटौती से अमेरिका पिछड़ सकता है और चीन, जो इन चीजों में तेजी से आगे बढ़ रहा है, ग्लोबल मार्केट में छा सकता है। इससे अमेरिका की ताकत कम हो सकती है।
एलन मस्क का विरोध: टेस्ला के बॉस एलन मस्क ने इस बिल को ‘बकवास और शर्मनाक’ कहा, जिससे ट्रंप के साथ उनकी तकरार सुर्खियों में है।
सख्त इमिग्रेशन नियम: डिटेंशन सेंटर्स और दीवार की फंडिंग को लेकर मानवाधिकार संगठन इसे ‘क्रूर’ बता रहे हैं।
पॉलिटिकल ड्रामा: सीनेट में 51-50 और हाउस में 218-214 के करीबी वोट से बिल पास हुआ। डेमोक्रेट्स के नेता हकीम जेफ्रीस ने 8 घंटे से ज्यादा भाषण देकर वोटिंग रोकने की कोशिश की। ये सब 2026 के मिडटर्म इलेक्शन में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
शो ऑफ पावर: साइनिंग सेरेमनी में फाइटर जेट्स और बॉम्बर्स ने फ्लाईओवर किया। ट्रंप ने इसे ‘अमेरिका की ताकत’ और ‘इतिहास का सबसे बड़ा टैक्स कट’ बताया।
भारत पर असर
बिल में स्टील, एल्यूमीनियम और दूसरी चीजों पर नए टैरिफ लगाए गए हैं। इससे भारत की टेक और फार्मा कंपनियों को नुकसान हो सकता है क्योंकि सामान महंगा हो जाएगा। बिल की धारा 899, विदेशी निवेशकों पर 5-20% अतिरिक्त टैक्स लगाएगी। इससे भारतीय निवेशक अमेरिका में पैसे लगाने से कतराएंगे भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार डील की बातचीत पर असर पड़ सकता है। अगर टैरिफ बढ़े, तो भारत का एक्सपोर्ट प्रभावित होगा। चीन की सस्ती सप्लाई चेन और क्लीन एनर्जी में बढ़त से भारत जैसे देशों को ग्लोबल मार्केट में और मेहनत करनी पड़ेगी।