नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
बिहार में नए सिरे से मतदाता सूची तैयार करने का मामला गरमाता जा रहा है। एक तरफ विपक्ष इसको लेकर चुनाव आयोग पर हमलावर है, तो दूसरी तरफ आयोग पर बैकडोर से एनआरसी कराने का भी आरोप लग रहा है। बुधवार को नई दिल्ली में स्पेक्ट रिसर्च एसोसिएशन ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ‘बिहार में बैकडोर एनआरसी’ नामक रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार के 8 करोड़ वोटरों पर न केवल उनके वोटर होने को लेकर संशय पैदा किया गया है, बल्कि उनकी नागरिकता पर भी सवाल खड़ा किया गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने भी खड़े किए हैं सवाल
इस मामले में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव ने पूछा है, “जिस वोटर लिस्ट के आधार पर 2024 का लोकसभा चुनाव हुआ था, उसमें एक साल के अंदर संशोधन की क्या जरूरत है? 2024 का लोकसभा चुनाव इसी मतदाता सूची के आधार पर हुआ था, जिसमें जनता ने वोट दिया और केंद्र में एनडीए की सरकार बनी। अब अगर यही सूची गलत थी, तो क्या इसका मतलब यह है कि उस समय नियुक्त सहायक निर्वाचन अधिकारियों ने गलत सूची तैयार की थी? क्या इससे उस सूची के आधार पर बनी सरकार की वैधता पर सवाल नहीं उठता?”
चुनाव आयोग का यह आदेश क्यों?
हाल के चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक मौजूदा वोटर को एक अलग गणना फॉर्म जमा करना होगा। 1 जनवरी, 2003 के बाद मतदाता सूची में शामिल होने वाले लोगों को अपनी नागरिकता का प्रमाण भी देना होगा।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि ‘पिछले 20 वर्षों के दौरान, बड़े पैमाने पर नाम जोड़ने और हटाने के कारण मतदाता सूची में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं’ और ‘तेजी से शहरीकरण और आबादी का एक जगह से दूसरी जगह लगातार पलायन हुआ है।’ इसलिए यह ‘विशेष गहन संशोधन’ अंततः सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कवर करेगा। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने कहा है कि यह गहन निरीक्षण केवल बिहार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में भी किया जाएगा। इन सभी राज्यों में आगामी समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
स्पेक्ट के आरोप
एसोसिएशन का सवाल है कि जब मतदाता सूची में शामिल होने के लिए बीएलओ द्वारा दस्तावेजों के साथ वेरिफिकेशन किया जाता है, तो फिर आखिर कैसे चुनाव आयोग यह कह रहा है कि राजनीतिक संरक्षण में वोटर लिस्ट में अवैध घुसपैठिए शामिल हो गए हैं?
स्पेक्ट कहता है कि अगर चुनाव आयोग की बात को सच मान लिया जाए, तो फिर ईसीआई अपनी ही प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है कि अभी तक उसके जितने भी अधिकारियों ने काम किया है, वह सब फर्जीवाड़ा था!
बड़ी मुहिम छेड़ने की तैयारी में बिहार कांग्रेस
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण को लेकर हो रहे विरोध को कांग्रेस और बड़ा करने की तैयारी में है। बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने द लेंस से विशेष बातचीत में बताया कि चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची पुनः तैयार कराने के मुद्दे पर पार्टी बड़ी मुहिम छेड़ने की योजना बना रही है। कांग्रेस इसको लेकर पटना न्यायालय का रुख भी कर सकती है। कृष्णा ने कहा कि इसका विरोध न्यायालय से लेकर सड़क तक करने को लेकर पार्टी में और गठबंधन में लगातार विमर्श चल रहा है।