नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
यूपी में कांवड़ यात्रा से पहले एक ढाबे में कार्यरत कर्मचारियों को नंगा कर उनकी पहचान करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह पहचान कुछ हिंदू संगठनों द्वारा की जा रही है। संगठन के सदस्यों का आरोप है कि मुजफ्फरनगर के पंडित जी ढाबे का बारकोड स्कैन करने पर मुस्लिम नाम सामने आया था। वहीं, ढाबा कर्मचारियों का आरोप है कि कार्यकर्ताओं ने कर्मचारी की पहचान के लिए उसे नंगा करने की कोशिश की।

एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने द लेंस को बताया कि कांवड़ मार्ग पर मौजूद दुकानों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया है और किसी भी तरह के अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इधर, पुलिस ने दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने के निर्देश दिए हैं। इस काम को शुरू भी करवा दिया गया है।
यूपी में आगामी 11 जुलाई से सावन मास की कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है, लेकिन इसके पहले ही माहौल तनावपूर्ण हो गया है। दरअसल, बघरा आश्रम के चर्चित बाबा यशवीर महाराज ने भी अपने 10 हजार कार्यकर्ताओं के साथ “पहचान बताओ” अभियान शुरू कर दिया है, जिसके अंतर्गत वे अलग-अलग ढाबों में काम करने वालों की पहचान कर रहे हैं।
28 जून को दिल्ली-मुजफ्फरनगर हाइवे पर मौजूद पंडितजी ढाबे पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता पहुंचे। उन्होंने वहां काम करने वाले कर्मचारियों से आधार कार्ड मांगा। आधार कार्ड नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं ने ढाबे पर लगा बारकोड स्कैन किया। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि मालिक का नाम मुस्लिम समुदाय का निकला। इसके बाद उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।
ढाबा कर्मचारियों का आरोप है कि कार्यरत गोपाल नामक कर्मचारी से पहले आधार कार्ड मांगा गया, और आधार कार्ड न दिखाने पर उसकी पहचान के लिए उसे नंगा करने की कोशिश की गई। शोर मचाने और विरोध करने के बाद उसे छोड़ दिया गया। पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
कांवड़ यात्रा शुरू होने के कारण दिल्ली-देहरादून हाइवे, शामली मार्ग आदि मार्गों पर हिंदू संगठन होटल मालिकों और कर्मचारियों के नाम चेक करने निकले हैं। यशवीर महाराज का कहना है कि होटल व ढाबा संचालकों को दुकान, मालिक और नौकरों का नाम चस्पा करना होगा, ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान किसी का धर्म भ्रष्ट न हो।