रायपुर। छत्तीसगढ़ के 1 लाख 80 हजार शिक्षक स्कूल छोड़कर बुधवार को हड़ताल पर जा रहे हैं। प्रदेश के 146 विकासखंडों में यह धरना प्रदर्शन किया जाएगा। शिक्षक साझा मंच के बैनर तले शिक्षक कल बड़ा आंदोलन प्रदेशभर में करने जा रहें हैं। स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों का यह पहला बड़ा प्रदर्शन होगा। शिक्षकों के प्रदर्शन से स्कूलों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ेगा। शिक्षक साझा मंच के प्रदेश संयोजक मंडल ने दो टूक शब्दों में कहा है कि सरकार उनकी मांगों को और हड़ताल को हल्के में न ले, अन्यथा प्रदेश भर के समस्त स्कूलों में तालेबंदी कर शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाएंगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। Teachers Protest CG
शिक्षक साझा मंच की मांग है कि शिक्षिका सोना साहू के तर्ज पर एरियर्स राशि सहित क्रमोन्नति वेतनमान, प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पुरानी पेंशन बहाली सहित संपूर्ण लाभ, पदोन्नति में डीएड को भी मान्य किए जाने तथा वर्तमान में हुए युक्त युक्तिकरण रद्द कर 2008 का सेटअप लागू करने की मांग को लेकर कल प्रदेशभर के सड़कों में शिक्षकों का जनसैलाब उमड़ेगा।
प्रदेश संचालक कृष्णकुमार नवरंग ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेशानुसार सूरजपुर जिले की शिक्षिका सोना साहू को प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति वेतनमान दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें पूरी एरियर्स राशि की भुगतान भी कर दी गई है। लेकिन, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल आर्डर नहीं दिया जा रहा है। जिससे प्रदेश के 1 लाख से अधिक शिक्षक प्रभावित हैं और उन्हें आर्थिक रूप से हर माह 15 से 20 हजार रुपए का एक बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। संगठन की मांग है कि राज्य सरकार द्वारा सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल आर्डर जारी किया जाए।
प्रदेश संचालक भूपेंद्र बनाफ ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति 1995 एवं 1998 से हुई है, लेकिन प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना न कर संविलियन तिथि 2018 से की जा रही है। जिससे शिक्षकों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। शिक्षक साझा मंच की मांग है कि शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवागणना कर पुरानी पेंशन बहाली सहित समस्त लाभ दिया जाए।
शिक्षक विरेंद्र दुबे ने बताया कि डीएड योग्यताधारी शिक्षकों को भी व्याख्याता एवं प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति दी जाए। इसी प्रकार वर्तमान में हुए युक्त व्यक्तीकरण में सेटअप 2008 का पालन नहीं किया गया है। बहुत सारी खामियां हैं, प्राथमिक शाला से शिक्षकों की संख्या 3 से घटकर दो कर दी गई है। मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में भी एक-एक शिक्षकों की कटौती कर दी गई है। इस प्रकार प्रदेश के स्कूलों में लगभग 57,000 शिक्षकों के पदों को एक झटके में समाप्त कर दिया गया है।