सहमतियों-असहमतियों और इस्तीफों के बीच भाजपा तेजी से प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कर रही है। इस क्रम में सोमवार को महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के अध्यक्षों के चुनाव के लिए नामांकन हो गया है। इन राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा की औपचारिकता भर शेष है। इन सबके बीच तेलंगाना के एक नेता टी. राजा सिंह ने अध्यक्ष के नाम पर एन. रामचंद्र राव के नाम पर असहमति जताते हुए इस्तीफा दे दिया है। तेलंगाना भाजपा के अपने समीकरण हैं पर दिलचस्प सवाल यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के समीकरण क्या हैं कि भाजपा अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पा रही है? वह भाजपा, जिसने महज तीन दिनों में 9 प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कर लिया हो? भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा का बढ़ा हुआ कार्यकाल भी आधिकारिक तौर पर खत्म हो रहा है, मगर अभी तक नए अध्यक्ष तय नहीं हुए। अप्रैल माह में वक्फ बिल पर बहस के दौरान, जब लोकसभा में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि वह पार्टी, जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहती है, वह अभी तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाई है, तो इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अन्य पार्टियों में अध्यक्ष परिवार के पांच लोगों में से चुने जाते हैं, जबकि भाजपा में 12-13 करोड़ कार्यकर्ताओं के बीच चुनाव होता है, इसलिए समय लगता है। बात तार्किक लग सकती है, पर वक्त कितना लगेगा? आखिर यह एक ऐसी पार्टी के अध्यक्ष के चयन का सवाल है, जिसके हाथों में देश की सत्ता भी है और संसदीय लोकतंत्र में सत्तारूढ़ पार्टी की भी भूमिका अहम होती है। आज किसी भी पार्टी के महत्वपूर्ण पदों का चयन कितना लोकतांत्रिक होता है और पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र की क्या दशा है, इससे अब देश अपरिचित नहीं है, पर देश इतना तो समझना चाहता है कि आखिर दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों नहीं तय कर पा रही है? तब, जब भाजपा के पास अनुभवी नेताओं की कतार है। क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा नेतृत्व, जिसका मतलब आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही हैं, की पसंद में टकराहट है? पार्टी के भीतर से निकलने वाली ये सुगबुगाहटें सही हैं या गलत, यह पता नहीं, लेकिन एक बात तय है कि भाजपा जिस दिन भी अपना अध्यक्ष चुनेगी, उस दिन यह भी तय होगा कि आज की भाजपा पर संघ की पकड़ कितनी गहरी है।