नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
भारतीय अधिकारियों ने 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की चल रही जांच में संयुक्त राष्ट्र निकाय आईसीएओ के विशेषज्ञ को पर्यवेक्षक का दर्जा देने का फैसला किया है। एक शीर्ष आधिकारिक सूत्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गौरतलब है कि पहले रॉयटर्स समेत तमाम समाचार एजेंसियों ने खबर दी थी कि पहले भारत सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी, लेकिन बाद में उन्हें जांच की अनुमति दे दी गई। बताया जाता है कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने जांच में अपने विशेषज्ञ के लिए पर्यवेक्षक का दर्जा मांगा था।
12 जून को क्रैश हुआ था विमान
12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद लंदन गैटविक के लिए उड़ान संख्या एआई 171 संचालित करने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 270 लोगों की मृत्यु हो गई, जिनमें विमान में सवार 241 लोग भी शामिल थे। एक यात्री बच गया।
शिकागो कन्वेंशन के तहत होती है जांच
शुक्रवार को आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि अनुरोध पर विचार करने के बाद जांच में आईसीएओ विशेषज्ञ को पर्यवेक्षक का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है। आधिकारिक सूत्र ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय अधिकारी पारदर्शी तरीके से जांच कर रहे हैं। आगे की जानकारी तत्काल नहीं मिल सकी। विमान दुर्घटनाओं की जांच शिकागो कन्वेंशन के तहत शेड्यूल 13 के अनुसार की जाती है।
बनाई गई उच्च स्तरीय जांच समिति
गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि ब्लैक बॉक्स से डेटा निकाला जा रहा है और दुर्घटनाग्रस्त विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का विश्लेषण किया जा रहा है।
एएआईबी ने तुरंत जांच शुरू की और निर्धारित मानदंडों के अनुरूप 13 जून को एएआईबी प्रमुख की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि टीम में एक विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ, एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) अधिकारी और यूएस नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के प्रतिनिधि शामिल हैं।