नई दिल्ली। आपातकाल के 50 साल के मौके पर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। मोदी सरकार ने इसे संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
इससे पहले, सुबह पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि इस दिन कांग्रेस ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था और प्रेस की स्वतंत्रता को नष्ट कर दिया था।
कैबिनेट बैठक में बैठक में तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पहला, पुणे मेट्रो के विस्तार के लिए 3626 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। दूसरा, झारखंड के झरिया में भूमिगत आग को नियंत्रित करने के लिए 5940 करोड़ रुपये के संशोधित मास्टर प्लान को स्वीकृति मिली। तीसरा, आगरा में 111 करोड़ रुपये की लागत से एक अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का फैसला हुआ।
पीएम मोदी ने और क्या कहा
इससे पहले, पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर आपातकाल को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने लिखा कि 25 जून 1975 को कांग्रेस ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था और प्रेस की आजादी को कुचल दिया था।
मोदी ने आपातकाल को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे अंधेरा दौर बताया। उन्होंने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करें। उन्होंने यह भी कहा कि जनता के सामूहिक संघर्ष के कारण कांग्रेस को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा।
पीएम ने ‘द इमरजेंसी डायरीज’ नामक पुस्तक का उल्लेख करते हुए बताया कि आपातकाल के दौरान वह RSS के युवा प्रचारक थे। उनके लिए यह आंदोलन एक सीखने का अनुभव था, जिसने उन्हें लोकतंत्र की रक्षा के महत्व को समझाया। इस पुस्तक की प्रस्तावना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने लिखी है, जो स्वयं आपातकाल विरोधी आंदोलन का हिस्सा थे।
अन्य नेताओं ने क्या कहा
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र पर हमला था और कांग्रेस आज भी उसी मानसिकता के साथ काम करती है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसे एक परिवार द्वारा सत्ता के लिए रचा गया षड्यंत्र बताया, जो कांग्रेस की क्रूर मानसिकता को दर्शाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आपातकाल कानूनों के दुरुपयोग और न्यायिक स्वतंत्रता के हनन का परिणाम था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जनता के विरोध के कारण ही लोकतंत्र बचा और आपातकाल जैसी घटना को कभी भूलना नहीं चाहिए।