द लेंस डेस्क। बांग्लादेश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के.एम. नूरुल हुदा को चुनावों में गड़बड़ी के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया है। मीडिया खबरों के अनुसार, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के उपायुक्त मोहिदुल इस्लाम ने रविवार को बताया कि हुदा की गिरफ्तारी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की शिकायत पर हुई है। इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 18 अन्य लोगों के खिलाफ भी जांच चल रही है। हुदा पर उनके घर के बाहर हमला भी किया गया, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया।
डेली स्टार के अनुसार, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि यह शायद पहला मौका है जब किसी पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनावी गड़बड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले, 77 वर्षीय हुदा पर उत्तरा स्थित उनके घर के बाहर भीड़ ने हमला किया था। हुदा के कार्यकाल में 2014, 2018 और 2024 के आम चुनाव हुए थे।
उत्तरा पश्चिम थाने के प्रभारी हफीजुर रहमान ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, जहां भीड़ ने हुदा को घेर रखा था। इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। एक अन्य पुलिस अधिकारी के अनुसार, भीड़ ने ढाका के उत्तरा क्षेत्र में हुदा के घर पर धावा बोला और पुलिस के पहुंचने से पहले उन्हें घर से बाहर खींच लिया।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक समूह हुदा पर जूते फेंकते, उन्हें जूतों की माला पहनाते और अंडे मारते दिखाई दे रहा है। वीडियो में भीड़ उन्हें अपशब्द कहती और पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद भी उनकी पिटाई करती नजर आई। पुलिस ने बताया कि हुदा को रात भर डिटेक्टिव ब्रांच कार्यालय में रखा जाएगा और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।
बीएनपी ने हुदा समेत 19 लोगों के खिलाफ 2014, 2018 और 2024 के चुनावों में जनादेश के बिना मतदान कराने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया था। इन सभी चुनावों में शेख हसीना ने जीत हासिल की थी।
हुदा पर हमले से सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं, जिसके बाद मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को देर रात एक बयान जारी करना पड़ा। बयान में कहा गया कि भीड़ द्वारा उत्पन्न अराजकता और आरोपियों पर हमले सरकार के संज्ञान में हैं। सरकार ने नागरिकों से कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील की और ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
पिछले साल अगस्त में छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था, जिसके बाद यूनुस ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभाला। अवामी लीग सरकार के पतन के बाद हसीना भारत चली गईं। इसके बाद अवामी लीग के कई वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और अधिकारी या तो गिरफ्तार किए गए या देश छोड़कर फरार हो गए। हाल के महीनों में कई नेताओं पर, खासकर अदालत परिसरों में, भीड़ ने हमले किए हैं।