द लेंस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड के उस बयान को गलत ठहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा है। ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान परमाणु हथियार विकसित कर रहा हो, तो इजरायल के हमलों को रोकना और युद्धविराम की दिशा में काम करना “बेहद मुश्किल” होगा।
ट्रंप का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे अल जजीरा ने भी पोस्ट किया है। वीडियो के मुताबिक गब्बार्ड के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने स्पष्ट कहा, “वह गलत हैं। मुझे नहीं लगता कि उनका (तुलसी गब्बार्ड) बयान सही है। मुझे लगता है कि ईरान इसके (परमाणु हथियार) काफी करीब है।” ट्रंप का यह जवाब उस सवाल पर था जिसमें एक पत्रकार ने पूछा था कि अमेरिकी इंटेलिजेंस कम्युनिटी का कहना है कि ईरान परमाणु हथियार नहीं विकसित कर रहा है।
तुलसी गब्बार्ड ने दी सफाई
इससे पहले, मार्च में तुलसी गब्बार्ड ने कहा था कि खुफिया समुदाय का आकलन है कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा। हालांकि, तुलसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सफाई दी। उन्होंने लिखा, “अमेरिका के पास ऐसी खुफिया जानकारी है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार को अंतिम रूप देने का फैसला किया, तो वह हफ्तों से महीनों के भीतर ऐसा कर सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि ऐसा नहीं हो सकता और मैं इससे सहमत हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी गवाही को “गलत संदर्भ में पेश कर विभाजन पैदा करने की कोशिश की गई।”
गब्बार्ड ने मार्च में ईरान के समृद्ध यूरेनियम भंडार को अभूतपूर्व बताया था और कहा था कि बिना परमाणु हथियार वाले देश के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया था कि ईरान ने सार्वजनिक रूप से परमाणु हथियारों पर चर्चा शुरू कर दी है, जिससे देश के निर्णय लेने वाले तंत्र में परमाणु हथियार समर्थकों को बल मिल रहा है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स तक पहुंच रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि गब्बार्ड का आकलन अब तक नहीं बदला है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि अगर ईरान परमाणु हथियार बनाना चाहे, तो उसे अपने चुने हुए लक्ष्य को निशाना बनाने योग्य वॉरहेड बनाने में तीन साल तक का समय लग सकता है।