द लेंस डेस्क। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ( rahul gandhi )अपने एक नए वीडियो में दिल्ली के मशहूर इलेक्ट्रॉनिक बाज़ार नेहरू प्लेस में मोबाइल मेकेनिक्स के बीच नजर आए। इससे पहले वह ट्रक ड्राइवरों और रेलवे स्टेशन के कुलियों के बीच भी जाकर उनके कामकाज को समझ चुके हैं।

21 जून को राहुल गांधी के आधिकारिक हैंडल से करीब साढ़े आठ मिनट का यह वीडियो जारी किया गया है। राहुल इसमें दो युवा मोबाइल मैकेनिक शिवम और सैफ के साथ मोबाइल एसेंबलिंग और मैन्यूफैक्चरिंग पर बात कर रहे हैं। बेहद अनौपचारिक ढंग से हुई इस मुलाकात में दोनों युवा मैकेनिक राहुल से खुल कर बात करते नजर आए। उनमें से एक ने कहा, “सारा माल ही चाइना का है, यहां केवल एसेंबलिंग होती है।”

राहुल कहते हैं, मेड इन और एसेम्बल्ड इन में फर्क होता है। लोग सोचते हैं कि दोनों एक ही चीज है। बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी फ्लैगशिप योजना मेक इन इंडिया का जिक्र किए, राहुल के निशाने पर ये दोनों हैं।
नेहरू प्लेस के रास्ते पर राहुल अपनी कार में यह कहते हुए दिखाई देते हैं, “छोटे कंपोनेंट के साथ काम करने के लिए जरूरी है सहिष्णुताा, यह चीज दो मिनट में नहीं सीखी जा सकती।”

मोबाइल रिपेयरिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और एसेंबलिंग की बातचीत से राहुल ने अब वह सिरा पकड़ लिया है, जिसे लेकर वह पिछले समय से बेहद सक्रिय हैं। राहुल की नजर अब कार से बाहर बैठे जूते मरम्मत करने वाले पर है। वह कहते दिखते हैं, बाहर जो फुटपाथ पर बैठकर काम कर रह है, वह भी उतनी ही मेहनत कर रहा है, जितनी दूसरे लोग। लोग मेरी बात पसंद न करें, लेकिन इसके केंद्र में है जाति का विचार, हमें जरूरत है इसमें पारदर्शिता लाने की। यह दिखाने की जरूरत है कि भारतीय समाज में ताकत का बटवारा किस तरह का है, और ठीक इसी तरह भारतीय समाज सम्मान का बटवारा करता है।
