इजरायल और ईरान के बीच फंसे भारतीय छात्रों के लिए राहत की खबर है। भारतीयों के लिए ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को विशेष रूप से खोल दिया है, जो सामान्य रूप से बंद रहता है। इस फैसले के बाद अगले दो दिनों में करीब 1,000 भारतीय छात्रों के दिल्ली लौटने की संभावना है। भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के जरिए इन छात्रों को सुरक्षित वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल के साथ युद्ध के कारण ईरान ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए अपने कई हवाई क्षेत्र बंद कर रखे हैं। दोनों देशों की सेनाएं मिसाइलों और ड्रोनों से एक-दूसरे पर हमले कर रही हैं। फिर भी, ईरान ने भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष व्यवस्था की है। तीन विमानों के जरिए भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाएगा। पहला विमान आज रात रवाना होगा, जबकि शनिवार दोपहर तक दो अन्य विमान दिल्ली पहुंच सकते हैं। जरूरत पड़ने पर और उड़ानें बढ़ाई जा सकती हैं।
चार्टर्ड विमानों का इंतजाम
मीडिया खबरों के अनुसार, ईरान के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए चार्टर्ड उड़ानों का इंतजाम किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि क्षेत्रीय तनाव के बावजूद ईरान भारतीयों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है। भारत सरकार ने दो दिन पहले ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया था, जिसके तहत ईरान में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने में मदद की जा रही है। मध्य पूर्व में इजरायल के बढ़ते सैन्य हमलों से तनाव चरम पर है।
भारत में ईरानी मिशन के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने मीडिया से कहा, “ईरान ने हालिया हमले के जरिए अपनी सैन्य ताकत दिखाई है, जिसने इजरायल को भी चौंका दिया। अगर शांति चाहिए, तो पहले इजरायल के हमलों की निंदा होनी चाहिए। बिना इसके सीजफायर का कोई मतलब नहीं। ईरान लंबे संघर्ष के लिए तैयार है। यह युद्ध न केवल पड़ोसी देशों, बल्कि भारत जैसे देशों के हितों के लिए भी नुकसानदेह है।”
ईरान ने भारत से अनुरोध किया है कि वह इजरायल के हमलों की निंदा करे। ईरान का कहना है कि ऐसा न करने से हमलावरों को बढ़ावा मिलेगा, जो खुद को श्रेष्ठ और दूसरों को कमतर मानते हैं। ईरान के अनुसार, इजरायल खुद को पीड़ित दिखाकर हमलावर की भूमिका निभा रहा है।