नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएशन को लेकर मची आपाधापी के बीच कभी कभी ऐसी घटनाएं घट जाती है जो बेहद चौंकाती हैं। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने एक ऐसे भ्रष्टाचार के खेल को रीट्वीट कर दिया जिसमें उनकी ही पूर्ववर्ती छत्तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं। जयराम रमेश के द्वारा छत्तीसगढ़ के जिला खनिज निधि यानि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड के उस कथित गड़बड़ घोटाले की उस खबर को साझा किया गया जिसको लेकर छत्तीसगढ़ में पूर्व की कांग्रेस सरकार में शीर्ष पदों पर तैनात अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं।
चौंकाने वाला है यह मामला
दरअसल, रायपुर के एक अखबार ने चार्जशीट को माध्यम बनाकर इस घोटाले में कमीशन की दरों पर एक खबर प्रकाशित की थी। जिसको राहुल गांधी की जीवनी लिखने वाले स्वतंत्र पत्रकार दयाशंकर मिश्रा ने साझा किया था फिर जयराम रमेश ने उस खबर को संभवतः बिना पढ़े रीट्वीट कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री के करीबियों पर है आरोप
मई माह में छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने करोड़ों रुपये के जिला खनिज निधि घोटाले के सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, तत्कालीन कोरबा कलेक्टर रानू साहू और कई अन्य के खिलाफ विशेष न्यायालय के समक्ष 6,000 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया है। चौरसिया और साहू के अलावा, व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी, माया वारियार, मनोज द्विवेदी, भुनेश्वर सिंह राज, बरोसा राम ठाकुर और वीरेंद्र राठौड़ का भी आरोप पत्र में नाम है।
75 करोड़ की वसूली के आरोप
इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और वित्तीय गबन में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप है, जिसके तहत उन्होंने कथित तौर पर टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी करके अपने पसंदीदा मालिकों और आपूर्तिकर्ताओं को लाभ पहुंचाया। उन्होंने कथित तौर पर कोरबा जिले में डीएमएफ घोटाले में लगभग 75 करोड़ रुपये का अवैध कमीशन वसूला। जांचकर्ताओं के अनुसार, डीएमएफ टेंडर हासिल करने के बदले में इतनी बड़ी रिश्वत दी गई थी। यह सारा घोटाला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में होने के आरोप लगाए जाते हैं।