द लेंस डेस्क। एलन मस्क की कंपनी SpaceX को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। 18 जून 2025 को टेक्सास में हुए एक टेस्ट के दौरान उसका स्टारशिप रॉकेट फट गया। यह रॉकेट मंगल और चंद्रमा पर इंसानों को ले जाने के लिए बनाया जा रहा है। दरअसल 18 जून 2025 की रात 11 बजे (टेक्सास समय) बोका चिका में SpaceX के टेस्ट सेंटर में यह हादसा हुआ। रॉकेट का नाम था स्टारशिप 36 और यह अपनी 10वीं टेस्ट उड़ान की तैयारी में था।
SpaceX एक ‘स्टैटिक फायर टेस्ट’ कर रहा था। इसमें रॉकेट को जमीन पर रखकर उसके इंजन चलाए जाते हैं ताकि यह चेक किया जाए कि सब ठीक है या नहीं। लेकिन रॉकेट के ऊपरी हिस्से में ईंधन टैंक से गैस रिसने लगी और अचानक बड़ा विस्फोट हो गया। विस्फोट का वीडियो यूट्यूबर टिम डॉड और NASA Spaceflight ने बनाया। वीडियो में रॉकेट का अगला हिस्सा फटता है और चारों तरफ आग की लपटें और धुआँ फैल जाता है।

इस विस्फोट से स्टारशिप 36 पूरी तरह बर्बाद हो गया। यह रॉकेट मंगल और चंद्रमा मिशन के लिए बहुत जरूरी था इसलिए SpaceX को बड़ा नुकसान हुआ। विस्फोट से टेस्ट सेंटर के आसपास के सामान और मशीनों को भी हानि पहुँची। टिम डॉड ने बताया कि विस्फोट ईंधन टैंक के पास शुरू हुआ। अच्छी बात यह है कि कोई कर्मचारी घायल नहीं हुआ। SpaceX और स्थानीय पुलिस ने तुरंत इलाके को सुरक्षित कर लिया।
पहले भी हुए ऐसे हादसे
इस साल स्टारशिप के दो और टेस्ट फेल हो चुके हैं। मार्च 2025 में रॉकेट कैरेबियन सागर के ऊपर फटा और मई 2025 में हिंद महासागर में नष्ट हो गया। दोनों बार ईंधन रिसाव और कंट्रोल की दिक्कत थी। मई में रॉकेट का सुपर हेवी बूस्टर ठीक काम कर रहा था लेकिन स्टारशिप हिस्सा पृथ्वी पर लौटते वक्त कंट्रोल खोकर फट गया। यह 2025 का तीसरा मौका है जब स्टारशिप टेस्ट में फेल हुआ। SpaceX की टीम को अब नई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

SpaceX और एलन मस्क ने क्या कहा?
SpaceX का बयान: कंपनी ने कहा कि वे इस हादसे की पूरी जाँच करेंगे। अमेरिका की उड्डयन एजेंसी (FAA) के साथ मिलकर वे कारण ढूँढ रहे हैं। अगला टेस्ट कब होगा, यह अभी पता नहीं। एलन मस्क मानते हैं कि हर असफलता कुछ नया सिखाती है। उन्होंने पहले कहा था कि ऐसे टेस्ट से रॉकेट बेहतर होता है। इस हादसे पर उनकी नई बात अभी नहीं आई। मस्क चाहते हैं कि स्टारशिप मंगल पर इंसानों को ले जाए। लेकिन बार-बार के हादसे इस सपने को मुश्किल बना रहे हैं।
अब क्या होगा?
SpaceX अब स्टारशिप V2 पर काम कर रहा है जो ज्यादा मजबूत और भरोसेमंद होगा, मस्क का कहना है कि V3 डिज़ाइन 2026 तक हर हफ्ते लॉन्च कर सकता है। अभी यह साफ नहीं कि अगला टेस्ट कब होगा। SpaceX को टेस्ट सेंटर ठीक करना होगा और नए सुरक्षा नियम लागू करने होंगे।
स्टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा पुन: उपयोग योग्य रॉकेट है जो मंगल और चंद्रमा पर इंसानों को ले जाने के लिए बनाया गया है। इसकी असफलता SpaceX के लिए तकनीकी और पैसे की दिक्कतें ला रही है। लेकिन SpaceX का ‘जल्दी फेल हो, जल्दी सीखो’ वाला तरीका इसे अंतरिक्ष की दौड़ में आगे रखता है। भारत में ISRO भी ऐसे मिशनों पर काम कर रहा है इसलिए ये हादसे सबक हो सकतें हैं।