एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 में काम करने वाली 26 साल की लम्नुन्थेम सिंगसन ( kuki crew ) का शव आज कलकत्ता से नागालैंड के दीमापुर हवाई अड्डे पर आएगा। यह शव दोपहर 1:30 बजे डिमापुर पहुंचेगा। दरअसल 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे का शिकार हो गई, जिसमें 241 लोग मारे गए। इस हादसे में लम्नुन्थेम सिंगसन और मेइतेई समुदाय की कोंगब्राइलटपम नगंथोई शर्मा भी थीं।
शव 250 किलोमीटर की सड़क यात्रा NH2 रास्ते से मणिपुर के कंगपोकी जिले तक लाया जाएगा यानी घर पहुँचते तक शाम 7:30 बज सकता है। परिवार ने सुरक्षा की वजह से इंफाल रास्ते से शव लाने से मना कर दिया है। मई 2023 से चल रहे मेइतेई-कूकी झगड़े की वजह से मेइतेई इलाकों से गुजरना खतरनाक है। कंगपोकी के डीसी माहेश चौधरी ने शव को सुरक्षित लाने का वादा किया है।
कूकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (KSO) के महासचिव शोंग्रेंग ने मीडिया को बताया कि परिवार के लोग और KSO के लोग सुबह से डिमापुर के लिए निकल गए हैं ताकि शव को ले सकें। शव को शुक्रवार 20 जून 2025 को कंगपोकी में विदाई दी जाएगी। लम्नुन्थेम का डीएनए टेस्ट 18 जून 2025 को सही पाया गया, जिसके बाद शव को परिवार को देने की तैयारी शुरू हुई। उनकी बहन गीतांजलि 13 जून से अहमदाबाद में हैं उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा कि लम्नुन्थेम ने आखिरी बार फ्लाइट का समय बताने वाला एक मैसेज भेजा था।
लम्नुन्थेम का परिवार पहले इंफाल के न्यू लंबुलाने इलाके में रहता था लेकिन मई 2023 के मेइतेई-कूकी झगड़े के बाद वे कंगपोकी में आकर रहने लगे। अब वे एक किराए के घर में हैं। लम्नुन्थेम अपने परिवार की इकलौती कमाने वाली थीं। उनकी मां विधवा हैं और चार भाई-बहनों में वे इकलौती बेटी थीं। उनका बड़ा भाई बेरोजगार और बीमार है जबकि दो छोटे भाई पढ़ाई कर रहे हैं। मां नेमनेलहिंग सिंगसन बहुत दुखी हैं और खाना-पीना छोड़ दिया है।
मणिपुर पुलिस और सरकार ने परिवार को इंफाल हवाई अड्डे से शव लेने और सुरक्षित कंगपोकी तक लाने का ऑफर दिया था लेकिन परिवार ने मना कर दिया। KSO और अन्य कूकी संगठन शव को डिमापुर से कंगपोकी तक सुरक्षित पहुंचाएंगे। मेइतेई संगठन COCOMI ने भी अपील की है कि सभी समुदाय मिलकर शव को सम्मान से पहुंचाने में मदद करें।
लम्नुन्थेम ने 11 जून को अपनी मां से आखिरी बार बात की थी और बताया था कि वे 12 जून को लंदन जाएंगी। उनका बड़ा भाई अहमदाबाद जा रहा है जबकि अन्य भाई और रिश्तेदार डिमापुर से अहमदाबाद जाएंगे। यह हादसा मणिपुर के मेइतेई और कूकी समुदायों के बीच एकता की बात भी उठा रहा है लेकिन सुरक्षा की चिंता के कारण रास्ता बदलना पड़ा है।