द लेंस डेस्क | मेरठ में एक हैरान करने वाली घटना हुई है। यूपी की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने सेना के एक जवान को 70 AK-47 कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया है। यह जवान अपने दोस्त को ये खतरनाक कारतूस देने जा रहा था। यह मामला देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता था। आइए, इस खबर को आसान और साफ शब्दों में समझते हैं।
18 जून 2025 को मेरठ के पल्लवपुरम इलाके में ATS ने यह कार्रवाई की। पकड़ा गया जवान का नाम राहुल है। वह मेरठ का रहने वाला है और महाराष्ट्र के अहमदनगर में सेना के टेली ट्रेनिंग सेंटर में काम करता है। ATS ने राहुल की कार से 70 AK-47 के जिंदा कारतूस बरामद किए। ये कारतूस सेना के हथियारों में इस्तेमाल होते हैं। ATS को खुफिया जानकारी मिली थी कि राहुल अपने दोस्त को कारतूस देने जा रहा है। जब ATS ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो वह कार से भागने लगा और ATS की गाड़ी पर चढ़ाने की कोशिश की। उसकी कार पर ‘गुर्जर’, ‘पुलिस’ और ‘हिंदू’ जैसे शब्द लिखे थे।
जवान क्यों और कैसे पकड़ा गया?
राहुल एक महीने की छुट्टी लेकर मेरठ अपने घर आया था। ATS को शक है कि वह इन कारतूसों को अपने दोस्त को बेचने या सप्लाई करने वाला था। राहुल ने पूछताछ में कहा कि उसे ये कारतूस जम्मू-कश्मीर में एक सर्च ऑपरेशन में मिले थे, लेकिन ATS को यह बात संदिग्ध लग रही है और इसकी जाँच हो रही है। ATS, मेरठ पुलिस और सेना पुलिस ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। राहुल को पल्लवपुरम में उसकी कार के साथ पकड़ा गया।
AK-47 के कारतूस बहुत खतरनाक होते हैं और इनका इस्तेमाल आतंकवादी या अपराधी कर सकते हैं। एक सेना के जवान का इसमें शामिल होना देश की सुरक्षा के लिए चिंता की बात है। ATS यह पता लगा रही है कि राहुल का दोस्त कौन है और इन कारतूसों का क्या करना था? क्या यह कोई बड़ा तस्करी का नेटवर्क है? राहुल के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
मेरठ में पहले भी हथियार तस्करी
मेरठ और आसपास के इलाकों में अवैध हथियारों की तस्करी पहले भी सुर्खियों में रही है, फरवरी 2025 में मेरठ STF ने एक शख्स को 1975 कारतूसों के साथ पकड़ा जो देहरादून से आए थे। नवंबर 2024 में शमली में STF ने एक तस्कर को 17 हथियारों और 700 कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया। यह गैंग पंजाब और राजस्थान से हथियार लाकर यूपी और दिल्ली-NCR में बेचता था। 2018 में मेरठ को दिल्ली-NCR में हथियार तस्करी का बड़ा केंद्र बताया गया जहां बिहार के मुंगेर से कारीगर और सामान लाकर हथियार बनाए जाते थे। ये मामले बताते हैं कि मेरठ में हथियार तस्करी एक पुरानी समस्या है।