[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
तमिलनाडु रैली भगदड़: भीड़ बढ़ती गई और बेकाबू हो गई, 33 मारे गए
असम बोडोलैंड निकाय चुनाव में बीजेपी को झटके के क्‍या हैं मायने, बीपीएफ सत्‍ता पर काबिज
RSS ने विजयादशमी कार्यक्रम के लिए सीजेआई की मां को बनाया मुख्य अतिथि
मालेगांव ब्लास्ट मामले से बरी कर्नल पुरोहित का प्रमोशन
गोदावरी फैक्ट्री हादसे के मृ़तकों को 45-45 लाख का मुआवजा, 10 हजार पेंशन और नौकरी भी, घायलों को कुछ नहीं, मैनेजमेंट के खिलाफ FIR
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद जोधपुर से लेकर लेह तक क्‍या हुआ?
The Paradise का पोस्‍टर लॉन्‍च, शिकंजा मालिक के किरदार में मोहन बाबू, जानिए कब रिलीज होगी फिल्‍म?
कोयला घोटाले में अब एक दर्जन दिग्गज IAS और IPS को कसने की तैयारी
सुकमा में माओवादियों की हथियारों की फैक्ट्री को फोर्स ने किया ध्वस्त
यौन उत्पीड़न का आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती अब तक फरार, जानिए पुलिस को क्‍या है शक…?
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

उन्हें मौत नहीं, नींद चाहिए थी!

Editorial Board
Last updated: June 11, 2025 8:48 pm
Editorial Board
Share
Dalli Rajhara Accident
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित दल्ली-राजहरा खदान क्षेत्र में काम करने आए झारखंड के दो मजदूरों की ट्रेन से कटकर हुई मौत बेहद दर्दनाक और शर्म से सिर झुका देने वाली घटना है। ये मजदूर अपने साथियों के साथ दल्ली-राजहरा से कुसुमकसा की ओर पटरियों के सहारे पैदल चले जा रहे थे और थक कर पटरियों पर सो गए थे। कुछ घंटे बाद एक तेज रफ्तार ट्रेन ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना ने देश में लगातार हाशिये पर जा रहे मजदूरों के दर्द को एक बार फिर सामने ला दिया है। इस सामूहिक स्मृतिलोप वाले दौर में याद किया जा सकता है कि पांच साल पहले कोरोना काल में मनमाने ढंग से लाागू किए गए लॉकडाउन के दौरान आठ मई को महाराष्ट्र के सतारा में इसी तरह पटरियों पर सो रहे 16 मजदूर एक तेज रफ्तार ट्रेन से कटकर मारे गए थे। ये मजदूर काम छिन जाने के कारण रेल पटरी के सहारे अपने गांव की ओर लौट रहे थे, क्योंकि तब उनके पास घर लौटने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। पता चला है कि दल्ली-राजहरा में काम की उम्मीद में आए मजदूर भी ठेकेदार की मनमानी से क्षुब्ध होकर घर लौट रहे थे। सारे देश में मजदूरों की तकरीबन ऐसी ही हालत है। यह घटना राजधानी दिल्ली से सुदूर दल्ली-राजहरा में मंगलवार तड़के उस दिन हुई, जब मोदी सरकार अपने 11 वें साल का जश्न मना रही थी। वहीं आर्थिक विकास के तमाम दावों के बीच सबसे अधिक कीमत तो मजदूर ही चुका रहे हैं। वास्तव में पटरियों पर हुई मजदूरों की इन मौतों को व्यवस्था के हाथों हुई गैर इरादतन हत्या क्यों नहीं माना जाना चाहिए?

TAGGED:Dalli Rajhara AccidentJharkhand LabourLens Abhimat
Previous Article all party delegation meets pm All form and no substance
Next Article Amarnath Yatra अमरनाथ यात्रा पर तैनात 1200 बीएसएफ जवानों ने ‘गंदी और जर्जर’ ट्रेन में चढ़ने से किया इनकार, देखें वीडियाे

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

सुप्रीम कोर्ट के सुझाव मानने से चुनाव आयोग का इंकार, आधार, वोटर आईडी, राशनकार्ड नागरिकता का सबूत नहीं

नई दिल्ली । बिहार में मतदाता सूची ( Bihar Voter List Revision ) के चल…

By आवेश तिवारी

छत्तीसगढ़ में विधायक की कार में हमला, सामने का कांच टूटा, बेमेतरा से लौट रहे थे रायपुर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा के नवागढ़ इलाके में विधायक की कार में हमले का मामला…

By Lens News

बीजापुर में इंद्रावती नदी में मगरमच्छ का हमला, युवक की मौत

बीजापुर। बस्तर की जीवनदायनी इंद्रावति नदी में मगरमच्छ के हमले से एक युवक की मौत…

By Lens News

You Might Also Like

Gaza crisis
लेंस संपादकीय

गजा का संकटः दो राष्ट्र समाधान ही रास्ता

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

मराठा आरक्षणः इस बार आरपार का मतलब

By Editorial Board
Bastar
लेंस संपादकीय

बस्तरः विकास के दावे और बदहाल सड़कें

By Editorial Board
textile industries
लेंस संपादकीय

सवाल कपास पैदा करने वाले किसानों का

By Editorial Board
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?