द लेंस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को अजीब और गुस्सैल बताया है। उन्होंने ग्रेटा के उस दावे पर टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा था कि इजरायली सेना ने उनका “अपहरण” कर लिया है।
ग्रेटा 11 अन्य कार्यकर्ताओं के साथ एक ब्रिटिश जहाज मैडलीन पर सवार थीं, जो गाजा में सहायता सामग्री पहुंचाने जा रहा था। सोमवार तड़के इजरायली सेना ने इस जहाज को रोक लिया था और सभी को हिरासत में ले लिया था।
ट्रंप ने कहा, “वह एक अजीब इंसान हैं। वह गुस्सैल हैं। मुझे नहीं पता कि यह असली गुस्सा है या नहीं… मैंने वीडियो देखा, वह निश्चित रूप से अलग हैं।” ग्रेटा ने एक वीडियो में स्वीडिश सरकार से मदद मांगी थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इजरायली सेना ने उनका अपहरण कर लिया है। इजरायल ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि जहाज उनके नियंत्रण में है और इसे सुरक्षित रूप से इजरायल के तट पर लाया जा रहा है। यात्रियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा।
ट्रंप ने मजाक में कहा, “ग्रेटा को गुस्सा प्रबंधन कक्षा में जाना चाहिए। यह मेरी उनके लिए पहली सलाह है। इजरायल के पास पहले से ही काफी समस्याएं हैं, उन्हें ग्रेटा का अपहरण करने की जरूरत नहीं।”
ग्रेटा और अन्य कार्यकर्ता गाजा में इजरायल की नाकेबंदी के बीच सहायता सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। जहाज को अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में रोका दिया गया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की खबरों के अनुसार आज सभी को अदालत में पेश किया जाएगा।
ट्रंप ने सोमवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से 40 मिनट तक फोन पर बात की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ग्रेटा का मुद्दा इस बातचीत में उठा या नहीं।
जब ग्रेटा ने विश्व नेताओं को लगाई थी फटकार
ग्रेटा 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं को फटकार लगाने और ट्रंप को “घूरने” के लिए सुर्खियों में आई थीं।
वह इस सम्मेलन में अपने ‘हाऊ डेयर यू’ भाषण से विश्वभर में चर्चा में आई थीं। इस भाषण में उन्होंने जलवायु परिवर्तन को लेकर विश्व नेताओं की निष्क्रियता पर सवाल उठाए थे। उसी साल टाइम मैगजीन ने उन्हें ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना।
2018 में 15 साल की उम्र में, ग्रेटा ने स्वीडन की संसद के बाहर ‘जलवायु के लिए स्कूल हड़ताल’ का पोस्टर लेकर अकेले प्रदर्शन शुरू किया था, जिससे ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर’ आंदोलन की शुरुआत हुई। वह पर्यावरण संरक्षण के लिए मांसाहार से परहेज करती हैं और हवाई यात्रा से बचती हैं।