द लेंस डेस्क। Bangalore Stampede : रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के कप्तान विराट कोहली ने आखिरकार अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीत ली लेकिन इस ऐतिहासिक जीत का जश्न बेंगलुरु में हुए एक दुखद हादसे की वजह से फीका पड़ गया। 4 मई को RCB की पहली आईपीएल खिताब जीत के बाद आयोजित विक्ट्री परेड के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है।
कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई: सरकार से सवाल
गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। एक्टिंग चीफ जस्टिस वी. कामेश्वर राव और जस्टिस सी. एम. जोशी की बेंच ने राज्य सरकार को हादसे पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। कोर्ट ने पूछा, “क्या आपके पास ऐसी घटनाओं के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) है? घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए क्या व्यवस्था है?”

राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि हादसे के बाद घायलों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराया गया और विक्ट्री परेड के लिए 1,380 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। हालांकि, डिप्टी सीएम ने एक दिन पहले 1,000 सुरक्षाकर्मियों की बात कही थी। याचिकाकर्ता के वकील ने सवाल उठाया कि गैर-राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसने लिया।
हाईकोर्ट ने इस मामले को स्वप्रेरित रिट याचिका के रूप में पंजीकृत करने का आदेश दिया। अगली सुनवाई 10 जून को होगी।
चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़: कैसे हुआ हादसा?
RCB की जीत का जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु में विधानसभा परिसर में सम्मान समारोह और चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। लेकिन स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ जमा होने से स्थिति बेकाबू हो गई। प्रारंभिक जांच के अनुसार, हादसे के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
फ्री पास और वेबसाइट क्रैश: स्टेडियम में प्रवेश के लिए RCB की वेबसाइट से फ्री पास लेने की घोषणा की गई थी। भारी संख्या में लोगों ने वेबसाइट पर विजिट किया, जिससे साइट क्रैश हो गई। पास वालों के साथ-साथ बिना पास वाले लोग भी स्टेडियम पहुंच गए, जिससे भीड़ का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया।
गेट तोड़ने की कोशिश: भीड़ ने स्टेडियम के गेट नंबर 12, 13 और 10 तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके बाद नाले पर रखा एक स्लैब ढह गया। हल्की बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।

गेट बंद होने से हंगामा: दोपहर करीब 3:30 बजे भीड़ बढ़ने पर सभी गेट बंद कर दिए गए। इससे पास वाले लोग भी अंदर नहीं जा सके, जिससे हंगामा शुरू हो गया। गेट नंबर 10 पर स्थिति सबसे ज्यादा बिगड़ी।
सुरक्षा व्यवस्था में कमी: सरकार ने दावा किया कि 5,000 सुरक्षाकर्मी तैनात थे, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, कई पुलिसकर्मी 36 घंटे से ड्यूटी पर थे, जिससे व्यवस्था चरमरा गई।
हादसे के शिकार: युवा और टीनएजर्स
भगदड़ में मारे गए सभी 11 लोग 35 साल से कम उम्र के थे, जिनमें तीन टीनएजर्स शामिल हैं। सबसे कम उम्र की पीड़िता 13 साल की दिव्यांशी थी। ये सभी RCB की जीत का जश्न मनाने आए थे, लेकिन अव्यवस्था ने उनकी खुशी को मातम में बदल दिया। बेंगलुरु भगदड़ कांड: हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी रिपोर्ट, RCB की ऐतिहासिक जीत पर मातम
RCB ने हादसे में जान गंवाने वाले 11 प्रशंसकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। फ्रेंचाइजी ने “RCB Cares” नाम से एक विशेष फंड बनाने का ऐलान किया, जिसके जरिए घायलों की भी मदद की जाएगी।

घायलों की स्थिति, जांच के दायरे में RCB और KSCA
बेंगलुरु के बोव्रिंग और लेडी कर्जन अस्पताल में भर्ती 18 में से 10 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। केवल दो मरीजों का इलाज अभी भी जारी है। हादसे के बाद RCB प्रबंधन और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) भी जांच के दायरे में हैं। RCB के सोशल मीडिया अकाउंट से विक्ट्री परेड की घोषणा के बाद भारी भीड़ जुटी थी। कर्नाटक पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच पैनल इसकी गहराई से जांच करेगा।

गृह मंत्री का दावा: 8 लाख लोग जमा थे
कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने दावा किया कि स्टेडियम के बाहर करीब 8 लाख लोग जमा थे, जबकि अन्य रिपोर्ट्स में यह संख्या 2-3 लाख बताई गई है। यह भीड़ स्टेडियम की क्षमता से कई गुना ज्यादा थी, जिससे अव्यवस्था बढ़ी।