रायपुर। छत्तीसगढ़ में 10463 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण कर दिया गया है। इसके बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है। रायपुर के मेडिकल कॉलेज में भी बुधवार को काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया। शिक्षकों का कहना है कि काउंसलिंग में शिकायतें मिल रहीं हैं। काउंसलिंग में कोई पारदर्शिता नहीं है। इससे शिक्षक बेहद नाराज हैं। शिकायतें आने के बाद प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। Yuktiyuktkaran
बुधवार को अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, जवाहरलाल नेहरू सभागार में काउंसलिंग की जा रही थी। सुबह से शिक्षकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। लेकिन शिक्षकों ने इस प्रक्रिया में हेराफेरी का आरोप लगाया। इसके बाद दोनो स्थानों पर जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद काउंसलिंग प्रक्रिया स्थगित कर दी गई।
शिक्षाकर्मी विरेंद्र दुबे ने कहा कि शिक्षा विभाग में काउंसलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है। अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं। उन्होंने स्कूल शिक्षा सचिव से युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पारदर्शितापूर्वक पूर्ण कराने की अपील की है। इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी किया जाए। अतिशेष की सूची प्रकाशित हुए बिना ही काउंसलिंग की तिथि निर्धारित किया जा रहा है। अतिशेष की सूची अब तक कई जिलों में प्रकाशित नहीं हुआ है और 4 मई तक काउंसलिंग पूर्ण करने की तिथि विभाग की ओर से निर्धारित की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में पारदर्शिता का अभाव है। यही कारण है कि सूची को जारी करने के बाद दावा आपत्ति का समय नहीं दिया जा रहा है। शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों के साथ जिनमें पोस्टिंग किया जाना है, उनकी सूची सोशल साइट पर और कार्यालय के बाहर चस्पा किया जाना चाहिए।
काउंसलिंग के दौरान सारे पदों को सार्वजनिक करना चाहिए, पहले जिनका नाम काउंसलिंग में बुलाया जा रहा है उन्हें ही एकल शिक्षकीय व शिक्षक विहीन शालाओं में पोस्टिंग किया जाना चाहिए।