छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर और दुर्ग जिलों के बीच नेशनल हाइवे- 53 में महज 54 किलोमीटर के दायरे में स्थित तीन-तीन टोल प्लाजा के विरोध में चल रहे कांग्रेस के आंदोलन ने ध्यान दिलाया है कि किस तरह से भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, जिसके मुताबिक दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए। वैसे पूरे देश मे राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे में जिस तरह से टोल प्लाजा का जाल बिछा दिया गया है, वह अपने आपमें एक बड़ा मुद्दा है। ये टोल प्लाजा पहले से टैक्स से लदे आम भारतीयों से वसूली के नए औजार बन गए हैं। इसमें दो राय नहीं कि देश की आर्थिक रफ्तार को तेज करने में सड़कें अहम भूमिका निभा रही हैं और इनके निर्माण के लिए खासा धन चाहिए। लेकिन दूसरी ओर सरकार वाहन खरीदी के समय एकमुश्त रोड टैक्स तो वसूलती ही है, आयकर और जीएसटी के जरिये तकरीब हर व्यक्ति सरकार को कुछ न कुछ टैक्स दे ही रहा है। दरअसल कोई भी कल्याणकारी राज्य इसी तरह चलता है, जहां नागरिकों के टैक्स के बदले उसे सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन टोल प्लाजा के नाम पर जो चल रहा है, वह पूंजीवादी मॉडल को मनमाने ढंग से अपनाने जैसा है। टोल टैक्स की मौजूदा व्यवस्था ने देश को टैक्स स्टेट में बदल दिया है, इस नीति को बदलने की जरूरत है।
बदली जाए टोल नीति

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!
Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
Popular Posts
Heal before war
As the nation struggles to come to terms with the horrific Pahalgam incident, all eyes…
इस प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी कल रहेंगे हड़ताल पर, आंदोलन को नाम दिया – ‘काम बंद, कलम बंद आंदोलन’
रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेशभर में कर्मचारी हितों को लेकर व्यापक आंदोलन की…
By
Lens News
बिहार चुनाव में कांग्रेस ने झोंकी ताकत, 58 पर्यवेक्षकों की तैनाती
नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए AICC…