रायपुर। छत्तीसगढ़ के DMF यानी डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड घोटाला मामले में EOW की टीम ने 6 हजार पन्नों का चालान मंगलवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया। इस चालान में EOW ने सौम्या चौरसिया, रानू साहू,माया वॉरियर और सूर्याकांत तिवारी घोटाले मास्टरमाइंड बताया है। जांच में 75 करोड़ रूपए के घोटाले की जानकारी सामने आई है। गिरफ्तार आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। DMF Scam
इस मामले में अबतक कोरबा DMF के तत्कालीन नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर, तत्कालीन जनपद CEO भुनेश्वर सिंह राज, राधेश्याम मिर्झा और वीरेंद्र कुमार राठौर को गिरफ्तार किया था। EOW ने DMF मामले में प्रोडक्शन वारंट लेकर रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। कुछ दिन बाद एक अन्य आरोपी मनोज को गिरफ्तार किया गया था।
सरकारी दस्तावेजों और ED की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने IPC की धारा 120B और 420 के तहत मामला दर्ज किया था। रिपोर्ट के अनुसार कोरबा जिले के माइनिंग फंड से जुड़े टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार किया गया था। टेंडर प्रक्रिया को बदलकर प्राइवेट ठेकेदारों को अवैध फायदा पहुंचाया गया।
चार्जशीट में आरोप है कि ठेकेदार संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी, और बिचौलिए मनोज द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर के साथ मिलकर बड़ी रकम में धांधली की गई।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी भी DMF मामले की जांच मनीलॉन्ड्रिग के तहत कर रही है। ईडी ने भी पहले इस मामले में सौम्या चौरसिया, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी की गिरफ्तारी की थी।