[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
निक्की की भाभी ने कहा – मुझे भी ससुराल में प्रताड़ित किया गया, निक्की और कंचन मुझे मारती थीं
इच्‍छा मृत्‍यु की मांग करने वाले बीजेपी नेता की मदद को भूपेश बघेल आए आगे
बस्तर में बाढ़, दरभा घाटी में बही कार, एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत
वोट चोरी आतंकवाद से भी बदतर: स्टालिन
पाकिस्‍तान में नदियां उफान पर, भारत ने दी बाढ़ की चेतावनी
वैष्णो देवी मार्ग भूस्खलन : अब तक 32 लोगों की मौत, 27 ट्रेनें रोकी गईं, सैकड़ों यात्री फंसे
मंत्री विधायक को ग्रामीणों ने खदेड़ा, एक किमी भागे तब बची जान- देखिए वीडियो
सलवा जुड़ूम का विरोध तो राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी किया था!
दिल्ली ने आखें तरेरी तो पलट गए रविंद्र चौबे
सीएम साय ने ओसाका बेस कंपनी को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए बुलाया
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

एक परिवार का यूं खत्म हो जाना

Editorial Board
Last updated: May 27, 2025 10:31 pm
Editorial Board
Share
Debt trap
SHARE

हरियाणा के पंचकुला में एक परिवार के सात लोगों के आत्महत्या कर लेने की रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सिर्फ एक परिवार का बेहद हताशा और बेबसी में उठाया गया कदम नहीं है, बल्कि इसने तीन दिन पहले दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बने देश की विरोधाभासों से अटी पड़ी सामाजिक-आर्थिक सच्चाई को भी सामने ला दिया है। बताया जाता है कि कारोबार में नाकाम रहा परिवार का युवा मुखिया प्रवीण मित्तल करोड़ों रुपये के कर्ज में डूबा हुआ था और उसने अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों के साथ इससे उबरने के लिए ऐसा रास्ता चुना, जिससे पूरा परिवार खत्म हो गया। यह भी पता चला है कि इस घटना से पहले परिवार ने बाबा बागेश्वर धाम यानी धीरेंद्र शास्त्री की कथा में हिस्सा लिया था! शायद परिवार को या उसके मुखिया को भरोसा रहा होगा कि बाबा कोई चमत्कार कर देंगे! दरअसल इस घटना ने देश के मौजूदा हालात को भी सामने ला दिया है, जहां कर्ज में डूबे परिवार को सरकार से नहीं, शायद एक बाबा से अपेक्षा थी कि वह उन्हें संकट से उबार देगा। कर्ज या आर्थिक हताशा में आत्महत्या कर लेने की यह पहली घटना नहीं है। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि 2022 में देश में 13 हजार लोगों ने आर्थिक समस्याओं के चलते आत्महत्या कर ली। ऐसे में यह सवाल और भी जरूरी हो जाता है कि आखिर यह कैसी तरक्की है कि, जहां कर्ज और मायूसी में डूबे एक परिवार को कोई रास्ता दिखाने वाला नहीं था।

TAGGED:Lens Abhimat
Previous Article Surrender Naxal बसवराजू की मौत के बाद नक्सलियों में खौफ, सुकमा में बटालियन नंबर 1 में सक्रिय 4 नक्सली समेत 18 नक्सलियों ने किया सरेंडर
Next Article DMF Scam DMF घोटाले में EOW ने पेश की 6 हजार पन्नों की चार्जशीट, सौम्या, रानू, माया और सूर्यकांत को बताया मास्टरमाइंड

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

क्या अमेरिका इजरायल के कंधे पर बंदूक रखकर ईरान पर निशाना लगा रहा है?

लेंस न्यूज Iran-Israel : संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था IAEA के गवर्नर बोर्ड ने गुरुवार…

By आवेश तिवारी

छत्तीसगढ़ के बंधुआ मजदूर कांड में अब तक FIR नहीं, आखिर संचालक पर किसकी मेहरबानी?

SSP से महीने भर पहले भी हुई थी शिकायत, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, thelens.in…

By नितिन मिश्रा

छत्तीसगढ़ के मैनपाट में पहुंचे नड्डा, आज से बीजेपी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के मैनपाट में आज से भाजपा सांसदों और विधायकों के प्रशिक्षण…

By पूनम ऋतु सेन

You Might Also Like

लेंस संपादकीय

जमीन पर कहां है निवेश

By The Lens Desk
लेंस संपादकीय

बर्बर और शर्मनाक

By Editorial Board
cg congress
लेंस संपादकीय

सांकेतिक लड़ाई से आगे

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

मुस्लिमों का भरोसा तोड़ने वाले

By नितिन मिश्रा
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?