द लेंस डेस्क। Bitcoin: दुनियाभर के शेयर बाजार जहां अस्थिरता और गिरावट से जूझ रहे हैं, वहीं क्रिप्टोकरेंसी बाजार में निवेशकों की चांदी हो गई है। सबसे चर्चित और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने एक बार फिर खुद को “डिजिटल गोल्ड” साबित करते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। इसने अपने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1,11,400 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। अगर इसे भारतीय मुद्रा में देखें, तो एक बिटक्वाइन की कीमत 95 लाख रुपये से भी ऊपर जा चुकी है।
पहली बार इतनी ऊंचाई पर पहुंचा Bitcoin
गुरुवार के कारोबारी सत्र में बिटक्वाइन ने 1,11,000 डॉलर का स्तर पार किया और 1,11,416 डॉलर तक पहुंच गया। यह अब तक का सर्वोच्च स्तर है। सिर्फ बिटक्वाइन ही नहीं, बल्कि Ether, Binance, और Solana जैसी दूसरी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में भी तेजी देखी गई। Ether फिलहाल 2610 डॉलर, Binance 680.60 डॉलर, और Solana 175.9 डॉलर के आसपास ट्रेड कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत से अब तक बिटक्वाइन में 60% से अधिक की बढ़त दर्ज की जा चुकी है। विशेषज्ञ इसे नई आर्थिक नीतियों, बाजार की अस्थिरता, और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी का परिणाम मानते हैं।
रॉबर्ट कियोसाकी की भविष्यवाणी हुई सच

मशहूर फाइनेंशियल लेखक और निवेश सलाहकार रॉबर्ट कियोसाकी, जो ‘Rich Dad Poor Dad’ किताब के लेखक हैं, लंबे समय से बिटक्वाइन, सोना और चांदी में निवेश की सलाह देते रहे हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि “दुनिया की पारंपरिक वित्तीय प्रणाली एक बुलबुले में है स्टॉक्स, बांड्स और रियल एस्टेट कभी भी क्रैश कर सकते हैं।” ऐसे में वे सुरक्षित निवेश के तौर पर Gold, Silver और Bitcoin को अहम मानते हैं। आज की स्थिति को देखते हुए, उनकी ये सलाह सटीक साबित हो रही है।
एक बिटक्वाइन से खरीद सकते हैं 66 MRF शेयर
बिटक्वाइन की वर्तमान कीमत की तुलना देश के सबसे महंगे शेयर MRF से करें, तो आप एक बिटक्वाइन की कीमत में 66 MRF शेयर खरीद सकते हैं। गुरुवार को MRF का एक शेयर ₹1.42 लाख पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, MCX पर जून एक्सपायरी वाले सोने का रेट ₹96,000 के आसपास रहा। यानी कि एक बिटक्वाइन से लगभग 1 किलो सोना खरीदा जा सकता है। यह तुलना दिखाती है कि बिटक्वाइन अब केवल एक डिजिटल संपत्ति नहीं, बल्कि निवेश की मुख्यधारा में एक मजबूत विकल्प बन चुका है।
ट्रंप की वापसी से क्रिप्टो को मिला बूस्ट
2025 की शुरुआत से ही क्रिप्टो मार्केट में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। इसका एक बड़ा कारण अमेरिकी राजनीति में बदलाव भी है। डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद क्रिप्टोकरेंसी को नया बूस्ट मिला है। ट्रंप को पहले से ही क्रिप्टो-फ्रेंडली नेता माना जाता है। उनके आने के बाद बाजार में यह भरोसा बढ़ा है कि डिजिटल एसेट्स को लेकर अमेरिका की नीति लचीली और निवेश के अनुकूल रहेगी।
बिटक्वाइन का सफर: 2009 से अब तक
बिटक्वाइन की शुरुआत 2009 में ‘सतोशी नाकामोटो’ नामक एक अज्ञात व्यक्ति या समूह द्वारा लिखे गए श्वेत पत्र से हुई थी। 2010 में इसका पहला व्यावहारिक उपयोग तब हुआ, जब 10,000 बिटक्वाइन में दो पिज्जा खरीदे गए — जिसे अब ‘Bitcoin Pizza Day’ के रूप में मनाया जाता है।इसके बाद 2013 में यह $1,000 पार कर गया। 2017 में $19,000 के स्तर तक पहुंचा, और 2021 में $68,000 का उच्चतम स्तर छू लिया। 2022 में क्रिप्टो मार्केट में मंदी आई, लेकिन अब 2025 में बिटक्वाइन ने $1,11,000+ का नया इतिहास रच दिया है।