रायपुर। छत्तीसगढ़ के जनसंघर्ष मोर्चा ने बुधवार को जन कन्वेंशन का आयोजन किया। इसमें संघी मनुवादी फासीवाद का बढ़ता खतरा और हमारी भूमिका विषय पर चर्चा की गई। कन्वेंशन में बस्तर में माओवादियों के साथ शांतिवार्ता को लेकर चर्चा की गई। साथ ही हमें नफ़रत और विभाजन नहीं, सबके लिए रोजी रोटी,आवास,शिक्षा और स्वास्थ्य चाहिए का नारा गूंजा। इस दौरान भाकपा माले रेड स्टार प्रकाशन की किताब और रेड स्टार पत्रिका का विमोचन भी किया गया। साथ ही फैज अहमद फैज़ की प्रसिद्ध नज्म “हम देखेंगे” को गाया गया।
कन्वेंशन ने सर्वसम्मति से युद्ध उन्माद के खिलाफ शांति के पक्ष में,बस्तर में युद्ध विराम के पक्ष में, आदिवासियों के दमन और जल जंगल जमीन की कॉरपोरेट लूट के खिलाफ ,वक्फ संशोधन कानून और इस्लामोफोबिया की आड में देश में मुसलमानों को निशाना बनाने के खिलाफ,फिलिस्तीन की जनता का जायोनी आतंकवादी इजरायल के द्वारा जनसंहार के खिलाफ और छत्तीसगढ़ में संघी मनुवादी फासीवादी ताकतों के नफ़रत और विभाजन की संस्कृति के बढ़ते खतरे के खिलाफ जनता के एकजुट संघर्ष के पक्ष में पांच प्रस्ताव पारित किए हैं।
कन्वेंशन के आखिर में सदस्यों ने शायर फैज अहमद फैज के गीत गाने पर गायकों पर नागपुर में हुए हालिया FIR दर्ज़ करने की घटना के खिलाफ फैज़ की मशहूर नज़्म “हम देखेंगे” को गाया गया । मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री द्वारा लाल सलाम नारे को गैरकानूनी करार देकर कार्यवाही करने के बयान के खिलाफ सभी ने” लाल सलाम जय भीम ” के नारे भी लगाए गए।
कन्वेंशन में कहा गया कि छत्तीसगढ़ हाल फिलहाल में गुजरात, उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के साथ हिंदुराष्ट्र की एक नई प्रयोगशाला के रूप में तब्दील हो रहा है। छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से अल्पसंख्यक ईसाई एवं मुस्लिम समुदाय को और साथ में महिलाओं,गरीब मेहनतकश जनता,आदिवासी एवं दलितों उत्पीड़ितों को भी इस मुहिम का निशाना बनाया जा रहा है। अडानी अंबानी सरीखे महाभ्रष्ट कॉरपोरेट घरानों की लूट के चलते बहुसंख्यकवादी धार्मिक उन्माद के माहौल में प्रदेश सहित पूरे देश की 90 फीसदी आम जनता पिछले 75 सालों में सबसे अधिक गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और मंहगाई के बोझ तले कराह रही है। पूरे देश में इन फासीवादी ताकतों ने और उनके इशारे पर गोदी मीडिया ने भीषण युद्ध उन्माद फैला दिया है।
नेताओं ने कहा कि ऐसे अंधकारपूर्ण समय में समान विचारों वाले संगठनों को लेकर राज्य स्तर पर एक संघर्षशील मोर्चे का गठन करना वक्त की पुकार है। जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने राज्य के जन पक्षधर प्रगतिशील ताकतों से एक फासीवाद विरोधी मोर्चा के लिए पहल करने का आह्वान किया है। इसके साथ साथ राज्य के तमाम वामपंथी , किसान मजदूर संगठन, जनवादी, धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील ताकतों,अल्पसंख्यक समुदाय,दलित/ उत्पीड़ित आदिवासी जनता ,महिलाएं,युवा एवं समान विचार वाले संगठनों /ताकतों से एकजुट होकर आरएसएस नवफासीवाद के खिलाफ अविलंब प्रदेशव्यापी राजनीतिक अभियान शुरू करने की भी अपील किया। कन्वेंशन के अंत में अध्यक्ष कॉमरेड प्रसाद राव ने जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ को व्यापक और ज्यादा संघर्ष शील रूप देने के लिए जन संघर्ष मोर्चा को पुनर्गठित करते हुए 20 सदस्यीय समन्वय समिति की घोषणा की।