रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच में तेजी लाते हुए आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की संयुक्त टीमों ने 20 मई मंगलवार को सुबह 4 बजे से दुर्ग-भिलाई सहित कई जिलों में 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। इस कार्रवाई में कई बड़े कारोबारियों के घर और दफ्तरों की तलाशी ली जा रही है।
EOW की टीमें चार गाड़ियों में सवेरे भिलाई पहुंचीं और तुरंत कार्रवाई शुरू की। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित आम्रपाली अपार्टमेंट में कारोबारी अशोक अग्रवाल के घर पर एक टीम ने दबिश दी। दूसरी टीम नेहरू नगर में बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल के ठिकानों पर पहुंची। इसके अलावा खुर्सीपार में विनय अग्रवाल के घर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। धमतरी और महासमुंद में भी टीमें सक्रिय हैं।
इस छापेमारी में निशाने पर रहे प्रमुख कारोबारी के नाम –
एसके केजरीवाल, नेहरू नगर, भिलाई , अशोक अग्रवाल, आम्रपाली अपार्टमेंट, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, भिलाई , विनय अग्रवाल, खुर्सीपार , संजय गोयल, डायरेक्टर, स्पर्श हॉस्पिटल, नेहरू नगर , विश्वजीत गुप्ता, बिल्डर, दुर्ग , बंसी अग्रवाल, नेहरू नगर
छावनी चौक, भिलाई के पास अशोक अग्रवाल की फेब्रिकेशन और अन्य कारोबार से जुड़ी फैक्ट्रियां हैं। अशोक अग्रवाल को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का करीबी माना जाता है। उन पर लखमा के साथ मिलकर शराब घोटाले में शामिल होने का आरोप है। EOW की एक टीम ने अशोक अग्रवाल को गाड़ी में पकड़कर उनकी फैक्ट्री ले गई जहां दस्तावेजों की गहन जांच चल रही है। दूसरी टीम उनके घर पर तलाशी ले रही है।
3 दिन पहले भी हुई थी बड़ी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब शराब घोटाले में EOW ने इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। तीन दिन पहले शनिवार को रायपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, जगदलपुर और अंबिकापुर में कवासी लखमा और उनके करीबियों के 13 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। इस दौरान दस्तावेज मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों और जमीनों में निवेश से संबंधित कागजात के साथ 19 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए थे।
जांच में क्या सामने आ रहा है?
शराब घोटाला मामले में EOW की टीमें लगातार सुराग जुटा रही हैं। इस घोटाले में बड़े कारोबारियों और प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। अशोक अग्रवाल जैसे कारोबारियों के ठिकानों से बरामद दस्तावेज और सबूत इस मामले में नया मोड़ ला सकते हैं। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। जांच एजेंसियां इस मामले में हर पहलू की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।