नेशनल ब्यूरो/नई दिल्ली। अपने कई फैसलों को लेकर चर्चा में रहीं सुप्रीम कोर्ट की जज बेला त्रिवेदी के लिए कोर्ट में विदाई समारोह न आयोजित होने का मामला गरमाता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनके रिटायरमेंट के वक्त फेयरवेल न आयोजित करने का फैसला किया था।
गजब यह है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के किसी भी जज को रिटायरमेंट के दिन फेयरवेल देने की परंपरा रही है। बेला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्व न्यायिक सचिव भी रहीं, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उमर खालिद के मामले में भी सुनवाई उन्होंने ही की थी। खालिद की जमानत अर्जी खारिज होने को लेकर बेला त्रिवेदी को आलोचना का भी सामना करना पड़ा था।
बार काउंसिल ने लिखी चिट्ठी: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एओआर एसोसिएशन से अनुरोध किया है कि वे न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी के लिए एक आधिकारिक विदाई समारोह आयोजित करें, जिनका 16 मई को अंतिम कार्यदिवस था।

बेला त्रिवेदी के योगदान को याद करने की गुजारिश
बीसीआई ने एससीबीए के अध्यक्ष कपिल सिब्बल और एससीएओआरए के अध्यक्ष विपुल नायर को संबोधित अपने पत्र में कहा, “ऐसे कद के जज को विदाई देने से इनकार करना संस्थागत मूल्यों पर सवाल उठाता है, जिनके लिए हम, कानूनी पेशेवरों के एक सामूहिक निकाय के रूप में खड़े हैं। उनके योगदान को नजरअंदाज करना और उन्हें वह सम्मान न देना, जिसकी वे हकदार हैं, समानता, निष्पक्षता और ईमानदारी के उन सिद्धांतों को कमजोर करना है, जिन्हें जस्टिस त्रिवेदी ने अपने शानदार करियर के दौरान पूरी लगन से कायम रखा है।” गौरतलब है कि कपिल सिब्बल सीजेआई के कक्ष में बेला त्रिवेदी को लेकर आयोजित शुभकामना बैठक में मौजूद थे।
पत्र में कहा गया है कि न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी को विदाई देने से इनकार करने के फैसले पर पुनर्विचार करके, एससीबीए और एससीएओआरए परंपरा और अखंडता के सम्मानित संरक्षक के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करेंगे, कानून के छात्रों, वकीलों और नागरिकों को कानूनी ढांचे को आकार देने में उनके द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को प्रदर्शित करेंगे।
सीजेआई ने भी जताई आपत्ति
शुक्रवार को एक औपचारिक सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी को विदाई समारोह न देने के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के रुख की आलोचना की थी। उन्होंने कार्यवाही में एससीबीए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की उपस्थिति की सराहना की, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “एसोसिएशन द्वारा अपनाए गए रुख की मैं खुले तौर पर निंदा करता हूं, क्योंकि मैं स्पष्ट और सीधे होने में विश्वास करता हूं। ऐसे अवसर पर एसोसिएशन द्वारा ऐसा रुख नहीं अपनाया जाना चाहिए था।”