द लेंस डेस्क। (IND-PAK Tension) पहलगाम आंतकी हमले और ऑपेरशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा करने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लिया जाना चाहिए। क्या ऐसे गैर जिम्मेदार देश (पाकिस्तान) के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल की परवाह नहीं करता। पूरी दुनिया ने देखा है कि पाकिस्तान ने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से भारत को बार-बार परमाणु धमकियां दीं, लेकिन भारत ने इन धमकियों को दरकिनार कर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की।
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ भारत के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई करार दिया। पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे भारत विरोधी और आतंकी संगठनों को पनाह देना बंद करना होगा। उन्होंने याद दिलाया कि 21 साल पहले पाकिस्तान ने इस्लामाबाद घोषणा में वादा किया था कि उसकी जमीन से आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, लेकिन वह लगातार भारत को धोखा दे रहा है। सिंह ने चेतावनी दी कि “पाकिस्तान को अब इस धोखे की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है और अगर आतंकवाद जारी रहा तो यह कीमत और बढ़ेगी।”
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत की धरती पर कोई भी आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। अगर बात होगी, तो आतंकवाद और पीओके पर होगी।”