द लेंस डेस्क। रोमन कैथोलिक चर्च को अपना नया सर्वोच्च धर्मगुरु मिल गया है। अमेरिका के शिकागो में जन्मे कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट को गुरुवार को चर्च के नए पोप के रूप में चुना गया। वे अब पोप लियो XIV के नाम से पहचाने जाएंगे। यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी नागरिक को इस पद पर आसीन किया गया है।
पोप चुने जाने के तुरंत बाद वेटिकन के सेंट पीटर्स स्क्वायर में उपस्थित हजारों लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने इतालवी में अपना पहला संदेश दिया। उन्होंने कहा, “शांति आप सभी के साथ बनी रहे। मैं दुनिया भर में बसे हर व्यक्ति तक शांति और सद्भाव का संदेश पहुंचाना चाहता हूं।” उन्होंने अपने पूर्ववर्ती पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि भी अर्पित की और कहा कि वे भी उसी भावना से जनता को आशीर्वाद देना चाहते हैं।
चर्च की परंपरा के अनुसार हुई घोषणा
जैसे ही प्रसिद्ध चिमनी से सफेद धुआं उठा, सेंट पीटर्स स्क्वायर में मौजूद श्रद्धालुओं ने खुशी से नारे लगाए। कुछ समय बाद सेंट पीटर्स बैसिलिका की बालकनी से एक वरिष्ठ कार्डिनल ने लैटिन में पारंपरिक घोषणा की – “हाबेमुस पापम!” जिसका अर्थ है – “हमारे पास एक नया पोप है।” इसके बाद पोप लियो XIV ने वहीं से अपनी पहली झलक दी और जनसमूह को आशीर्वाद प्रदान किया।
कौन हैं रॉबर्ट प्रीवोस्ट
69 वर्षीय रॉबर्ट प्रीवोस्ट को चर्च में एक सुधारक की छवि के लिए जाना जाता है। वे वर्षों तक पेरू में मिशनरी के रूप में कार्यरत रहे और बाद में आर्कबिशप भी बने। हालांकि उनके कार्यकाल के दौरान कुछ विवाद भी सामने आए, विशेष रूप से यौन शोषण के मामलों को लेकर, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता और समर्पण के कारण उन्हें वेटिकन में एक महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई थी। दो वर्ष पूर्व उन्हें बिशपों के चयन संबंधी विभाग का प्रमुख बनाया गया था।
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद हुआ चुनाव
पूर्व पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल, 2025 को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। इसके बाद कार्डिनल कॉलेज ने परंपराओं के अनुसार दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर उत्तराधिकारी का चुनाव किया। चुनाव प्रक्रिया गोपनीय मतपत्रों के माध्यम से होती है, और जब सहमति बनती है तो धुएं के रंग से संकेत दिया जाता है – सफेद धुआं इस बात का संकेत होता है कि नया पोप चुन लिया गया है।