[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
बिजली निजीकरण के खिलाफ इंजीनियर्स फेडरेशन ने कसी कमर, विधेयक वापस वापस लेने की मांग
आइसलैंड में तीन मच्‍छरों का मिलना, जलवायु परिवर्तन का कितना बड़ा संकेत है?
NEET PG 2025 काउंसलिंग में बदलाव,चॉइस भरने की आखिरी तारीख बढ़ी
अस्पताल के बाहर कचरे डिब्बे के पास 5-6 माह का भ्रूण मिला, पुलिस कर रही CCTV से जांच
अब हर टेक कंपनी को माननी होंगी Do No Harm गाइडलाइंस, भारत सरकार का फैसला
क्रेशर संचालक की गुंडागर्दी, डीजल-पेट्रोल चोरी के शक में दो युवकों पाइप-रस्‍सी से बांधकर पिटाई
एयर इंडिया प्‍लेन हादसे के लिए पायलट जिम्‍मेदार नहीं : सुप्रीम कोर्ट
पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा…‘1937 में वंदे मातरम के टुकड़े कर दिए गए’  
डोनाल्ड ट्रंप आएंगे भारत, लेकिन कब?
दिल्ली एयरपोर्ट पर ATC सिस्टम की खराबी से 300 उड़ानें लेट, GPS स्पूफिंग से पायलट परेशान
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस रिपोर्ट

सोनम रघुवंशी और खुफिया तंत्र की नाकामी से जुड़े सवाल

राजेश चतुर्वेदी
राजेश चतुर्वेदी
Byराजेश चतुर्वेदी
Follow:
Published: June 17, 2025 8:27 PM
Last updated: July 1, 2025 3:18 PM
Share
MP ki Baat
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

राजेश चतुर्वेदी

खबर में खास
सोनम जब इंदौर में थी, सांसद लालवानी शिलॉन्ग में डीजीपी के सामने बैठे थेऔर तो और विजयवर्गीय भी मौन हैंकौन डाले बर्र के छत्ते में हाथउछलकूद मची हुई थी…विजय शाह और भाजपा का “न्यू नॉर्मल”दिग्विजय और लक्ष्मण भाई जरूर हैं, लेकिन…

मेरठ की मुस्कान के बाद, इन दिनों, इंदौर की सोनम रघुवंशी का केस देश-दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया पर सोनम से जुड़ी पल-पल की खबर लोगों तक पहुंच रही है। जबसे यह खुलासा हुआ है कि हनीमून पर मेघालय गई सोनम ने ही अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या करवाई थी, तबसे, क्या खास और क्या आम, हर शख्स इस मामले में दिलचस्पी ले रहा है। घर-घर में चर्चाएं हैं। “ज़माना कहां से कहां पहुंच गया”, जैसी बातें की जा रही हैं। सब एक जैसे नहीं होते, बावजूद इसके समूची “लड़की जात” को ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आजकल की लड़कियां ऐसी ही होती हैं-सोनम जैसी। उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता। समाज के कथित नियम-कायदों और आडंबरों पर भी सवाल किए जा रहे हैं। लेकिन, चर्चाओं और सवालों के इस शोर में मध्यप्रदेश पुलिस के लिए यह प्रश्न सुनाई नहीं पड़ता कि-“23 मई को शिलॉन्ग में अपने पति की हत्या के बाद सोनम 25 मई को इंदौर लौट आई, इंदौर में अलग फ्लैट लेकर रहने लगी, 8 जून तक रही, लेकिन यह खबर मध्यप्रदेश पुलिस को नहीं लगी?” ताज्जुब की बात है कि इंदौर के देवास नाका इलाके में वह रह रही थी, मनपसंद मंगा-मंगा के खा-पी रही थी, करीब 15 दिनों तक रही, और पुलिस महकमा व उसका खुफिया तंत्र उसको मेघालय में तलाश रहा था!  बल्कि, राजा का शव मिलने के बाद तो सोनम को तलाशने के लिए मेघालय पुलिस पर दबाव बनाने का काम कर रहा था! मगर, इस बारे में कहीं बात नहीं हो रही। खुफिया तंत्र की कमजोरी पर प्रश्न नहीं पूछे जा रहे।

सोनम जब इंदौर में थी, सांसद लालवानी शिलॉन्ग में डीजीपी के सामने बैठे थे

कितनी अजीब बात है, पति राजा की हत्या और उसका शव खाई में फेंकने के बाद सोनम 25 मई को इंदौर आ गई, लेकिन इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी 27 मई को शिलॉन्ग में मेघालय की डीजीपी इदाशीशा नोंगरांग के सामने बैठे थे, यह अर्जी लेकर कि राजा और सोनम का पता लगाइए। उधर, सोनम तो इंदौर में बैठी थी। लेकिन, लालवानी करते भी तो क्या? उनका कोई निजी या समानांतर खुफिया तंत्र तो है नहीं, जिससे उन्हें असलियत ज्ञात होती। और, राजा और सोनम, दोनों ही उनके निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता थे। तब तक दोनों का पता भी नहीं चला था। यदि विरोधी दल की सरकार होती तो कुछ सवाल भी खड़े करते, कुछ आरोप वगैरह लगाते। मगर, पिछले लगभग दो दशकों से बीजेपी की हुकुमत है। सो, चुपचाप निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने का धर्म निभाया और चले गए मेघालय। लेकिन राजा का शव मिल गया, एक हफ्ते बाद सोनम ने गाजीपुर में सरेंडर कर दिया और यह भी पता चल गया कि सोनम 8 जून तक तो इंदौर में ही रही, बावजूद इसके लालवानी ने चुप्पी साध ली। “सोनम 15 दिनों तक इंदौर में रह गई और आपको भनक तक नहीं लगी?”- एकांत में किसी जिम्मेदार अधिकारी या सरकार से उन्होंने यह सवाल किया हो तो मालूम नहीं, लेकिन, पब्लिक डोमेन में नहीं है ऐसी बात। यह देखकर लोग हैरान हैं कि पुलिस या उसके खुफिया तंत्र की जवाबदेही से जुड़ा कोई सवाल नहीं किया गया है।

और तो और विजयवर्गीय भी मौन हैं

इंदौर, मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। और, कैलाश विजयवर्गीय उसके सबसे बड़े नेता। लेकिन, उन्होंने भी इस मामले में जवाबदेही के सवाल नहीं उठाए हैं। यह तो कहा है कि बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी दो, अन्यथा बच्चे सोनम बन जाएंगे। पर पुलिस की नाकामी के कारण सरकारी तंत्र की जो किरकरी हुई, उस पर विजयवर्गीय अब तक मौन हैं। मुमकिन है, आगे मौका देखकर वह सवाल उठाएं। पूछें कि, “हमें क्यों नहीं मालूम हुआ कि सोनम इंदौर में है?” 

कौन डाले बर्र के छत्ते में हाथ

इस मौन और चुप्पी का कारण है। और, बहुत स्वाभाविक है। निज़ाम चाहे जिसका हो, सवाल वैसे भी चुभते हैं। सामान्यतः पसंद नहीं किए जाते। विशेषकर, प्रतिस्पर्धी राजनीति में कतई नहीं। दरअसल, यह मामला सिर्फ सोनम या खुफिया तंत्र के फेल होने का नहीं है। बीजेपी में सबको पता है कि ‘सोनम कांड’ से जुड़ा कोई भी सवाल सीधे तौर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लिए होगा और उनके नेतृत्व के खिलाफ जाएगा। कारण, गृह विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है। इतना ही नहीं वह इंदौर के प्रभारी मंत्री भी हैं। इस नाते उनकी कोशिश होती है कि हर हफ्ते इंदौर जाएं। कुलमिलाकर, “करेला और नीम चढ़ा” वाला हाल है। ऐसे में कौन डाले बर्र के छत्ते में हाथ? सवाल करने का मतलब है कि मुख्यमंत्री की पकड़ पर उंगली उठाना। लिहाजा न इंटेलिजेंस की नाकामी की बात हो रही है और न ही दूसरे सवाल। और फिर, अब तो पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता अमित शाह की नसीहत लेकर पचमढ़ी से ताज़ा-ताज़ा लौटे हैं सब।

उछलकूद मची हुई थी…

सोनम रघुवंशी केस में सचमुच तमाशा मचा हुआ था। खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सीबीआई जांच के लिए पत्राचार कर रहे थे। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कह रहे थे कि गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा कर रहा हूं और सोनम को ढूँढ़कर वापस लाएंगे। जब ये बड़े-बड़े नेता ये सब कर रहे थे, तब सोनम इंदौर में थी। गज़ब है…!

विजय शाह और भाजपा का “न्यू नॉर्मल”

सयानों को अक्सर यह कहते सुना है कि समय आने पर सब ठीक हो जाता है। माने, समय के साथ मसले सुलटते जाते हैं। सो, मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह, जिन्होंने कर्नल सोफिया कुरेशी के बारे में गटर वाली भाषा बोली थी, का मसला भी सुलटता नज़र आ रहा है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, उनकी स्थिति सामान्य होती जा रही है। शुरूआत में चूंकि मामला ताज़ा और गरम था, लिहाजा शाह केबिनेट की बैठक में नहीं बुलाए जा रहे थे। उनकी सार्वजनिक उपस्थिति पर रोक लगा दी गई थी। एक तरह से वह “मिस्टर इंडिया” हो गए थे। लेकिन, अब दिखाई पड़ने लगे हैं। पिछले दिनों शहडोल जिले में बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ मंच शेयर किया। पचमढ़ी में हुए पार्टी के प्रशिक्षण शिविर में भी वह मौजूद रहे। वैसे भी, भूलना मनुष्य की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है और राजनीतिक दल इसी का लाभ उठाते हैं। वे यह मानकर चलते हैं कि लोग भूल जाते हैं। इसीलिए आजकल मंत्रियों के इस्तीफे नहीं होते या लिये नहीं जाते। चाहे कुछ हो जाए, कितनी ही बड़ी घटना, दुर्घटना या कांड हो जाए, वह अपने मंत्रियों का इस्तीफा नहीं लेती। भाजपा का यह ‘न्यू नॉर्मल’ है। याद करें, यूपी के अजय मिश्रा “टेनी” को, जो  मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह के साथ गृह राज्य मंत्री थे। उनके पुत्र आशीष ने लखीमपुरखीरी में कथित तौर पर किसानों को कुचल दिया था, लेकिन मोदी-2.0 सरकार में टेनी आखिर तक मंत्री रहे। उन पर अथवा उनकी कुर्सी पर किसी प्रकार की कोई आंच नहीं आई। टेनी के मामले में तो फिर भी यह था कि किसानों को उनने नहीं, बल्कि उनके पुत्र ने कुचला था। लेकिन, कर्नल कुरेशी के बारे में तो जो कुछ बोला है, खुद विजय शाह ने ही बोला है। तीन-तीन बार माफ़ी मांगकर वह स्वयं इस बात को स्वीकार भी चुके हैं। बावजूद इसके उनका बाल बांका नहीं हुआ। और, अब तो मामला देश की सबसे बड़ी अदालत के पास है, जिसने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को सुनवाई से रोक दिया है और ताकीद किया है कि मंत्री जी के इस केस को वह खुद देखेगा। बहरहाल, विजय शाह पर इस समय चौतरफा राहत बरस रही है। बस, अगले फेरबदल में पार्टी उन्हें मंत्रिमंडल से ‘ड्रॉप’ भर न करे। 

दिग्विजय और लक्ष्मण भाई जरूर हैं, लेकिन…

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस से निकाले जाने के बाद ऐलान किया है कि विचार विमर्श के बाद वह अपनी नई पार्टी बनाएंगे, क्योंकि न तो वह बीजेपी में जाएंगे, न ही बीजेपी उनको लेगी। दिग्विजय और लक्ष्मण भाई जरूर हैं, पर मिजाज के मामले में दोनों के मार्ग जुदा रहे हैं। जानकारों को मालूम है कि दस वर्ष के मुख्यमंत्रित्वकाल में दिग्विजय ने एक टीम लगा रखी थी, जिसका काम ही था लक्ष्मण सिंह को संभालकर रखना। बहरहाल, यह मिजाज का ही असर है कि अर्जुन सिंह, माधवराव सिंधिया और उमा भारती जैसे नेताओं के हश्र का साक्षी होने के बावजूद लक्ष्मण सिंह 70 बरस की आयु में नई पार्टी बनाने का साहस दिखाने की बात कर रहे हैं।

TAGGED:Digvijay SinghMohan YadavMP ki BaatRajaSONAMTop_News
Previous Article naxal attack बीजापुर में नक्सलियों ने की सरेंडर नक्सली के परिवार के सदस्यों की हत्या, कई ग्रामीणों का अपहरण
Next Article CG Police बांग्लादेशियों पर कार्रवाई के लिए बनी SOP, फर्जी दस्तावेज नहीं तो जेल नहीं, जानकारी शेयर करने पर अफसर पर होगी कार्रवाई
Lens poster

Popular Posts

छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट ने शहीद आकाश राव गिरिपुंजे के परिजनों से की मुलाकात, निवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पयलट ने मंगलवार को सुकमा नक्सल आईईडी ब्लास्ट में शहीद…

By Lens News

दिल्ली को 20 फरवरी को मिलेगा नया सीएम, 19 को विधायक दल की बैठक, दौड़ में प्रवेश वर्मा, सतीश उपाध्‍याय और आशीष सूद सबसे आगे

नई दिल्ली। दिल्‍ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद जल्‍द ही मुख्‍यमंत्री के नाम…

By The Lens Desk

माओवादियों को तगड़ा झटका, मुठभेड़ में केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा और कोसा दादा मारे गए

नारायणपुर। बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर आज सुबह सुरक्षा…

By बप्पी राय

You Might Also Like

Central employees bonus
देश

केंद्रीय कर्मचारियों की चांदी, जानिए कितना मिलेगा विशेष बोनस?

By Lens News
MG Hector car showroom accident
छत्तीसगढ़

MG हेक्टर कार शोरूम हादसा: घायल कर्मचारी ने तोड़ा दम, शिकायत के बाद भी जांच सिफर

By Lens News
INDIAN STUDENTS
आंकड़ा कहता है

70 फीसदी भारतीय छात्रों की पसंद बने ये देश, ‘बिग 4’ देशों के रुझान में आयी कमी

By पूनम ऋतु सेन
MICROPLASTIC MICROPLASTIC SCENARIO MICROPLASTIC POLLUTION
लेंस रिपोर्ट

कहीं आपके खाने में माइक्रोप्लास्टिक तो नहीं !

By पूनम ऋतु सेन

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?