[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
भारत विविधताओं का उत्सव है – प्रो. आर. के. मंडल
बिहार में मॉब लिंचिंग: मुस्लिम फेरी वाले की मौत, गर्म रॉड से जलाया, तोड़ी उंगलियां  
चढ़ रही चांदी दो लाख के पार, कितनी टिकाऊ है ये तेजी?
केरल चुनाव में थरूर और लेफ्ट के गढ़ में बीजेपी की जीत, UDF को बढ़त, NDA का प्रदर्शन बेहतर, LDF पीछे
पाकिस्तान में संस्कृत की पढ़ाई: LUMS यूनिवर्सिटी से निकला पहला बैच, महाभारत और भगवद्गीता भी पढ़ाए जाने की योजना
वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष चतुर्वेदी बने केंद्रीय सूचना आयुक्त, 15 दिसंबर से संभालेंगे पदभार
Lionel Messi के इवेंट में बवाल, ममता ने बदइंतजामी के लिए मांगी माफी
CCI ने इंडिगो मोनोपॉली की जांच शुरू की, क्या इंडिगो ने गलत फायदा उठाया?
लियोनल मेसी का भारत दौरा शुरू, कोलकाता में जोरदार स्वागत, 70 फीट ऊंची अपनी प्रतिमा का अनावरण
कफ सीरप तस्करी के आरोपी बाहर, अमिताभ ठाकुर सलाखों में
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

भारत सरकार ने बीबीसी से पूछा- ‘आतंकवादी’ को ‘उग्रवादी’ क्यों कहते हैं? पढ़िए बीबीसी का पुराना जवाब, जब हमास को लेकर पूछा गया था यही सवाल

The Lens Desk
The Lens Desk
Published: April 28, 2025 1:51 PM
Last updated: April 28, 2025 4:23 PM
Share
BBC ON TERRORIST
BBC ON TERRORIST भारत सरकार ने बीबीसी से पूछा- 'आतंकवादी' को 'उग्रवादी' क्यों कहते हैं? पढ़िए बीबीसी का पुराना जवाब, जब हमास को लेकर पूछा गया था यही सवाल
SHARE

द लेंस डेस्क। BBC ON TERRORIST : पहलगाम में हुए आतंकी हमले की रिपोर्टिंग को लेकर भारत सरकार ने बीबीसी से सवाल पूछा है। गृह मंत्रालय की सलाह पर सरकार ने बीबीसी को सलाह दी क्योंकि उसने पहलगाम हमले के आतंकवादियों को ‘उग्रवादी’ कहा था। भारत सरकार ने सवाल उठाया कि बीबीसी आतंकवादियों को ‘आतंकवादी’ क्यों नहीं कहता? इससे पहले भी बीबीसी का यही रुख हमास के मामले में देखा गया था जब उसने इज़राइल में हमलों के दौरान हमास के हथियारबंद लोगों को ‘आतंकवादी’ कहने से इनकार किया था। आइए जानते हैं बीबीसी ने तब क्या जवाब दिया था।

खबर में खास
बीबीसी का हमास पर पुराना जवाबबीबीसी का तर्क- ‘निष्पक्षता का सिद्धांत’बीबीसी का इतिहास: निष्पक्षता की परंपराक्या है भारत सरकार की आपत्ति?

बीबीसी का हमास पर पुराना जवाब

पिछले साल इज़राइल में हमास के हमलों की कवरेज के दौरान बीबीसी ने अपने पत्रकारों द्वारा ‘आतंकवादी’ शब्द का इस्तेमाल न करने के फैसले का बचाव किया था। बीबीसी के एक प्रवक्ता ने कहा “हमारा पुराना नियम है कि पत्रकार खुद ‘आतंकवादी’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करते, जब तक कि यह किसी और के बयान में न हो।”

बीबीसी के इंटरनेशनल मामलों के हेड जॉन सिम्पसन ने इस पर कहा, “किसी को आतंकवादी कहना मतलब एक पक्ष का साथ देना है। हमारा काम तथ्यों को सामने रखना है, न कि यह बताना कि कौन सही है और कौन गलत।”

उस समय ब्रिटेन के रक्षा सचिव ग्रांट शैप्स ने बीबीसी की इस नीति को शर्मनाक बताया था। उन्होंने कहा, “हमास ने निर्दोष लोगों, बच्चों, उत्सव में शामिल लोगों और बुजुर्गों की हत्या की। ब्रिटेन में हमास को आतंकवादी संगठन माना जाता है फिर भी बीबीसी उन्हें ‘हथियारबंद’ या ‘उग्रवादी’ कहता है। यह गलत है।”

ये भी पढ़ें :पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बड़ी बैठक, पाकिस्तान पर और सख्ती, आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता

बीबीसी का तर्क- ‘निष्पक्षता का सिद्धांत’

बीबीसी का कहना है कि ‘आतंकवादी’ एक भारी शब्द है, जिसे लोग उन समूहों के लिए इस्तेमाल करते हैं जिन्हें वे गलत मानते हैं। बीबीसी का काम लोगों को यह बताना नहीं है कि कौन अच्छा है और कौन बुरा। उसका काम है सच्चाई को सामने लाना और लोगों को खुद फैसला करने देना। बीबीसी ने कहा, “हम बताते हैं कि ब्रिटेन और दूसरी सरकारें हमास को आतंकवादी संगठन मानती हैं लेकिन यह उनका फैसला है। हम साक्षात्कारों और बयानों में ‘आतंकवादी’ शब्द का इस्तेमाल होने देते हैं लेकिन खुद इसे नहीं कहते।”

बीबीसी का दावा है कि उसकी खबरें, तस्वीरें और ऑडियो लोगों को सच्चाई दिखाते हैं। वह सच को छिपाता नहीं बल्कि साफ तरीके से पेश करता है। बीबीसी का कहना है कि कोई भी समझदार व्यक्ति हमास के हमलों को देखकर दुखी होगा और इन्हें ‘अत्याचार’ कहना सही है।

बीबीसी का इतिहास: निष्पक्षता की परंपरा

बीबीसी ने बताया कि उसका यह नियम पुराना है। दूसरे विश्व युद्ध में भी बीबीसी को नाजियों को ‘बुरा’ या ‘दुष्ट’ कहने से मना किया गया था हालांकि उन्हें ‘दुश्मन’ कहा जा सकता था। बीबीसी का कहना था कि उसकी आवाज हमेशा शांत और संयमित रहनी चाहिए। इसी तरह, जब IRA ने ब्रिटेन में बम धमाके किए तब भी बीबीसी ने ‘आतंकवादी’ शब्द से परहेज किया, भले ही तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की सरकार ने उस पर दबाव डाला। बीबीसी का कहना है कि वह ‘बुरा’, ‘कायर’ या ‘आतंकवादी’ जैसे शब्दों से बचता है क्योंकि यह उसकी निष्पक्षता को खत्म कर सकता है।

क्या है भारत सरकार की आपत्ति?

पहलगाम हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। भारत सरकार का मानना है कि बीबीसी का आतंकवादियों को ‘उग्रवादी’ कहना गलत है,क्योंकि यह हमले की गंभीरता को कम करता है। गृह मंत्रालय ने बीबीसी की रिपोर्टिंग पर सवाल उठाते हुए यह सलाह दी है। भारत सरकार ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं जैसे सिंधु जल समझौता रोकना, पाकिस्तानी वीजा रद्द करना और सुरक्षा बढ़ाना। ऐसे में बीबीसी की इस नीति पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

ये भी पढ़ें :भारत का पाकिस्तान पर सख्त रुख, पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल और न्यूज़ चैनल बैन, देखें लिस्ट

बीबीसी का कहना है कि वह अकेला नहीं है जो इस नीति को मानता है। दुनिया के कई बड़े समाचार संगठन भी ‘आतंकवादी’ जैसे शब्दों से बचते हैं। लेकिन बीबीसी पर ज्यादा ध्यान जाता है क्योंकि लोग उससे उच्च मानकों की उम्मीद करते हैं। बीबीसी का दावा है कि उसकी निष्पक्षता ही वजह है कि दुनिया भर में लाखों लोग उसकी खबरें देखते, पढ़ते और सुनते हैं। पहलगाम हमले के बाद यह बहस फिर से तेज हो गई है।

TAGGED:BBC ON TERRORISTINDIAN GOVERNMENTLatest_NewsPahalgam terror attack
Previous Article PM MODI MEETINGपीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बड़ी बैठक, पाकिस्तान पर और सख्ती, आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बड़ी बैठक, पाकिस्तान पर और सख्ती, आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता
Next Article JNU student union elections जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट गठबंधन जीतने में कामयाब, लेकिन क्या बदल रहा है कैंपस का सियासी मिजाज?
Lens poster

Popular Posts

दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आ गया है। 27 साल बाद दिल्ली में…

By The Lens Desk

नेपाल में भड़की हिंसाः सड़कों पर उतरे Gen-Z का दर्द

नेपाल में सोमवार सुबह भड़की हिंसा अप्रत्याशित नहीं है और यह ओ पी शर्मा ओली…

By Editorial Board

Two steps forward and one step backward

The trade deal agreed to in Switzerland yesterday has come as a huge relief for…

By Editorial Board

You Might Also Like

Monsoon session ends
देश

मानसूत्र सत्र खत्‍म: एक महीने में सिर्फ 37 घंटे काम, लोकसभा में 12 और राज्यसभा में 14 विधेयक पारित

By अरुण पांडेय
छत्तीसगढ़

माओवादी संगठन को बड़ा झटका, केंद्रीय कमेटी सदस्य समेत 12 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

By पूनम ऋतु सेन
QS Asia Rankings 2026
देश

QS Asia Rankings 2026 :  IIT दिल्ली लगातार दूसरी बार टॉप पर, लेकिन 15 पायदान लुढ़का, बाकी संस्‍थानों की रैंकिंग भी गिरी

By अरुण पांडेय
anti naxal operation
छत्तीसगढ़

नक्सलियों को एक और झटका, सर्च ऑपरेशन में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद

By बप्पी राय

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram

kofbola resmi

kofbola resmi

kofbola

link daftar bola

sabung ayam online

kyndrasteinmann.com

judi bola parlay

agen parlay

kofbola

situs toto

sbet11

toto sbet11

www.miniature-painting.net

link kofbola

daftar link kofbola

link kof bola

okohub.com

sbet11

kofbola parlay

situs bola parlay

https://p2k.itbu.ac.id/

https://www.dsultra.com/

https://stimyapim.ac.id/

  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?