नई दिल्ली । 2022 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक भारत की जेलों में कुल 5,73,220 कैदी हैं, जिनमें 23,722 महिलाएं हैं। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2025 के मुताबिक, 2012 से 2022 के बीच तीन से पांच साल तक हिरासत में रहने वाले विचाराधीन कैदियों की संख्या दोगुनी हो गई है, और पांच साल से ज्यादा समय तक हिरासत में रहने वालों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है।
रिपोर्ट बताती है कि 2022 में, हर चार में से एक विचाराधीन कैदी ने एक से तीन साल जेल में बिताए। दिसंबर 2022 तक, देश के कुल विचाराधीन कैदियों में से 42 फीसदी उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र से थे। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 94,000 से अधिक विचाराधीन कैदी थे, जो देश के कुल विचाराधीन कैदियों का 22 फीसदी है।
यह रिपोर्ट छह संगठनों, सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, दक्ष, TISS-प्रयास, और लॉ सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के सहयोग से तैयार की गई है। इसमें दिसंबर 2022 तक के जेलों के आंकड़े शामिल हैं।