लेंस संवाददाता। बीजापुर
बीजापुर-तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर बस्तर का अब तक का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन( ANTI NAXAL OPERATION ) जारी है। रविवार सुबह कर्रेगुट्टा, दुर्गम राज गुट्टा में जवानों ने जंगलों और पहाड़ियों में नक्सलियों के बिछाये आईईडी बमों को डिफ्यूज़ कर बनाया रास्ता है। इसके बाद फोर्स ने आगे जाना शुरू कर दिया है।
पिछले 6 दिनों से चल रहे अब तक के इस ऑपरेशन में शनिवार रात फोर्स उस गुफा तक पहुंच गई थी, जहां माओवादी छिपे हुए थे। गुफा में पीने के पानी के साथ-साथ विश्राम की भी सुविधा है। हालांकि वहां कोई भी माओवादी लीडर नहीं मिला है।

जानकारी है कि इस बार बड़ी संख्या में फोर्स ने पिपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर एक को घेर कर रखा है। नक्सलियों के टॉप कमांडर इस बटालियन का नेतृृृत्व करते हैं। फोर्स इन्हीं लीडर्स की घेराबंदी की कोशिश में लगी है।
पिछले कई दिनों से कर्रेमेटा में पहाड़ी में चल रहे अभियान में सुरक्षा बलों ने माओवादियों को गुफा का पता लगा लिया है। शनिवार शाम को सुरक्षा बलों को कर्रेमेटा पहाड़ी के क्षेत्र कर्रेगुट्टा में माओवादियों के आधार के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली एक गुफा का पता चला।
मिली जानकारी के अनुसार जब सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा को घेर लिया, तो पहाड़ी पर मौजूद माओवादी नीचे नहीं उतर सके हैं। ऐसे में उनके किसी दूसरी गुफा में चले जाने की संभावना जताई जा रही है। घेरेबंदी का सबसे खास असर नक्सलियों को सप्लाई होने वाले रसद पर पड़ रहा है।

माओवादियों के टॉप लीडर्स तक खाने पीने की सामग्री नहीं पहुंच पा रही है। यदि वे पहाड़ी पर ही रहेंगे, तो माओवादियों का भोजन समाप्त हो जाएगा और वे भूख और प्यास की वजह से डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में माओवादी ऐसी स्थिति में आ गए हैं जहां उन्हें लड़ने या आत्मसमर्पण करने के बीच निर्णय लेना होगा।
एक दिन पहले फायरिंग और बम धमााकों की गूंजी आवाजें
यह ऑपरेशन हाल के वर्षों में सबसे बड़े अभियानों में से एक है। इस मिशन में भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो की तैनाती ने ऑपरेशन को और मजबूती दिया है। इसमें गरुड़ कमांडो के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), कोबरा (CoBRA), जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस की संयुक्त टीम शामिल हैं।शुक्रवार-शनिवार बीती रात भारी फायरिंग और बम धमाकों की आवाजें गूंजीं। सुबह से वायु सेना के हेलीकॉप्टर लगातार देखे जा रहे हैं। सुरक्षा बलों की तरफ से इलाके में हाई अलर्ट जारी किया गया है। ग्रामीणों को गांव के बाहर और जंगलों मे जाने की शक्त मनाही है। ऑपरेशन संवेदनशील मोड़ पर है और बड़ी कार्रवाई की संभावना है। जानकारी मिली है कि माओवादियों के टॉप कमांडर को फोर्स ने घेर कर रखा हुआ है।
करीब 5 हजार जवानों के होने की खबर हैं। वहीं, जिस जगह पर नक्सलियों को घेरा गया है, वहां करीब एक हजार नक्सलियों के होने की संभावना फोर्स ने जताई है। अभी तक 5 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि खबर यह भी आ रही है कि तीन दर्जन से ज्यादा नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है।
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माओवादी कर चुके हैं इस ऑपरेशन को रोकने की अपील
ऑपरेशन को रोकने के लिए माओवादी संगठन के उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश की तरफ से प्रेस रिलीज जारी की गई थी। इस अभियान में अब तक पांच नक्सली ढेर किए जा चुके हैं। शुक्रवार को माओवादियों की तरफ से इस अभियान को रोकने की अपील की गई है। रिलीज में कहा गया है कि सभी लोग चाहते हैं कि समस्या का समाधान शांति वार्ता के जरिए हो। शांति वार्ता के लिए हमारी पार्टी हमेशा तैयार है। प्रेस रिलीज में कहा गया है हमारी पार्टी के केन्द्रीय कमेटी ने भी शांति वार्ता को लेकर पत्र जारी किए थे। विश्वास की कमी को दूूर करने के लिए हमारी तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सरकार की मंशा अलग दिख रही है। सरकार दमन व हिंसा के जरिए समाधान चाह रही है, इसलिए बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर एक बड़ा सैन्य अभियान को लॉन्च किया गया है। इस अभियान को तुरंत रोकना चाहिए।