नई दिल्ली। (supreme court on rahul gandhi) सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर मौखिक रूप से नाखुशी जाहिर की है। साथ ही न्यायालय ने सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर निचली अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
महत्वपूर्ण है कि इस संबंध में राहुल के खिलाफ वाद लखनऊ हाईकोर्ट में लंबित था। अदालत ने राहुल को मौखिक रूप से चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने भविष्य में इस तरह की कोई और टिप्पणी की, तो उनके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कहा था कि सावरकर अंग्रेजों के सेवक थे।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने सुनवाई की शुरुआत में पूछा कि क्या महात्मा गांधी को अंग्रेजों का सेवक सिर्फ इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने वायसराय को लिखे अपने पत्रों में “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल किया था? न्यायमूर्ति दत्ता ने गांधीजी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा, “क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी वायसराय को संबोधित करते समय “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल किया था? क्या आपके मुवक्किल को पता है कि उनकी दादी जब प्रधानमंत्री थीं, तो उन्होंने भी स्वतंत्रता सेनानी सज्जन सावरकर की प्रशंसा करते हुए एक पत्र भेजा था ?”
राहुल पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी
supreme court on rahul gandhi: न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, “उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए। आप हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते, जब आपको भारत के इतिहास या भूगोल के बारे में कुछ भी पता नहीं है।”
न्यायमूर्ति दत्ता का कहना था , ” राहुल गांधी एक सम्मानित व्यक्ति होने के साथ आज एक राजनीतिक दल के राजनीतिक नेता भी हैं। उनको इस तरह के विवाद क्यों पैदा करने चाहिए? आप अकोला में जाकर यह बयान देते हैं, महाराष्ट्र में जहां सावरकर पूजा की जाती है?
उन्होंने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी ब्रिटिश काल में मुख्य न्यायाधीश को “आपका सेवक” कहकर संबोधित करते थे। न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, “कोई इस तरह से सेवक नहीं बनता। अगली बार कोई भी उठेगा और कह देगा कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के सेवक थे।