नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता जताई है। उन्होंने दोनों सरकारों से संयम बरतने और यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि स्थिति और न बिगड़े।
महासचिव की ओर से यह बयान उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया। उन्होंने कहा, “हम जम्मू-कश्मीर में 22 तारीख को हुए आतंकवादी हमले की निंदा करने में बहुत स्पष्ट हैं, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिक मारे गए।”
दुजारिक से एक पत्रकार ने पूछा कि क्या गुटेरेस ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान की सरकारों से संपर्क किया है? पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।
उन्होंने कहा कि गुटेरेस ने कोई सीधा संपर्क नहीं किया है, “लेकिन मैं आपको बता सकता हूँ कि वह स्पष्ट रूप से स्थिति पर बहुत बारीकी से और बहुत चिंता के साथ नजर रख रहे हैं।”
प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ का मानना है कि पाकिस्तान और भारत के बीच किसी भी मुद्दे को सार्थक, पारस्परिक बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है और सुलझाया जाना चाहिए।
पाकिस्तानी सीनेट में भारत के खिलाफ प्रस्ताव पारित
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले (Pahalgam Terror Attack) को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर उठे सवालों के बाद पाकिस्तान की सीनेट ने शुक्रवार को भारत के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव भारत के उस रुख के विरोध में लाया गया, जिसमें भारत ने हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता की आशंका जताई थी।
गुरुवार को इस्लामाबाद में आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत “अपना संकीर्ण राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए पहलगाम जैसी घटनाओं का प्रतिक्रियात्मक दोषारोपण और नियोजित शोषण” कर रहा है। पाकिस्तान ने इस बयान में भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रकार की हरकतों से बचना चाहिए।
गौरतलब है कि पहलगाम हमले के अगले ही दिन, बुधवार की शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक बुलाई थी। इस उच्चस्तरीय बैठक में कई अहम फैसले लिए गए।
भारत-पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि को स्थगित करने का निर्णय हुआ, वहीं अटारी स्थित एकीकृत जांच चौकी को तत्क्षण प्रभाव से बंद करने का भी ऐलान किया गया। इसके अतिरिक्त, दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के अंतर्गत अब पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति नहीं होगी और पूर्व में जारी किए गए ऐसे सभी वीजा स्वतः रद्द माने जाएंगे।
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