जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए भीषण आतंकी हमले ने स्तब्ध कर दिया है। इस हमले में अब तक 26 लोगों के मारे जाने की खबर है। यह कायराना हमला ऐसे समय हुआ है, जब प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब के प्रवास पर हैं और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जोंस भारत आए हुए हैं। गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच चुके हैं और राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक कर रहे हैं, जिससे समझा जा सकता है कि केंद्र और राज्य सरकार हालात की गंभीरता को समझ रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर मीडिया के एक वर्ग और सोशल मीडिया के जरिये इस हमले को गैरजिम्मेदाराना तरीके से सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। ऐसे नाजुक समय में यह समझने की जरूरत है कि यह कायराना हमला किसी धर्म या जाति पर नहीं, बल्कि मानवता पर हुआ है। इस समय किसी भी तरह की चूक माहौल को और बिगाड़ सकती है। इस समय जरूरत पीड़ित परिवारों और घायलों को राहत और सही सूचना पहुंचाने की है। जरूरी यह भी है कि सरकार के उच्च स्तर से अमन चैन और भरोसे का संदेश जाए।