The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Latest News
सिंदूर का पौधा लगाकर पीएम मोदी ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस
बेंगलुरु हादसा- भगदड़ ने छीना जीत का रंग, उजाड़े कई घर
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों ने किया काउंसलिंग का विरोध, हंगामे के बाद काउंसलिंग स्थगित
जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में क्या बोले सीजेआई गवई ? जानिए
रायपुर में नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ आत्मदाह की कोशिश, जोन 8 के दफ्तर में तोड़- फोड़, वीड़ियो
हत्‍या के 11 दिन बाद मिला पति का शव, पत्‍नी लापता, हानीमून मनाने इंदौर से गए थे मेघालय
केंद्र सरकार ने राज्यों को दी अतिरिक्त राशि, छत्तीसगढ़ को मिले 2784 करोड़ रूपए
हे नकटी गांववासियों, रहम करो हमारे माननीयों पर
बेंगलुरु चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़, 11 RCB फैंस की मौत, देखें वीडियो
Breaking : देश में 17 साल बाद राष्ट्रीय जनगणना,  2027 में होगी शुरू
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस रिपोर्ट
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Follow US
© 2025 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
The Lens > आंकड़ा कहता है > 19% महिलाएं केवल भारत में सी-सूट भूमिकाओं में, वैश्विक स्तर से काफी पीछे
आंकड़ा कहता है

19% महिलाएं केवल भारत में सी-सूट भूमिकाओं में, वैश्विक स्तर से काफी पीछे

Poonam Ritu Sen
Last updated: April 16, 2025 3:27 am
Poonam Ritu Sen
Share
SHARE

द लेंस डेस्क। भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्र में लैंगिक समानता की स्थिति को लेकर हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अवतार ग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सी-सूट (C-suite) भूमिकाओं जैसे CEO, CFO, और COO में महिलाओं की हिस्सेदारी मात्र 19 फीसदी है। यह आंकड़ा वैश्विक औसत 30% से काफी पीछे है और यह सवाल उठाता है कि क्या भारत की कॉर्पोरेट दुनिया सचमुच समावेशी बन पा रही है? इस आर्टिकल में रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं, प्रभावों, और नीतियों को समझतें हैं-

सी-सूट में महिलाओं की वैश्विक हालात क्या ?

अवतार ग्रुप, जो डाइवर्सिटी, इक्विटी, और इनक्लूजन (DEI) पर केंद्रित एक प्रमुख कंसल्टिंग फर्म है, उसके अनुसार भारत में शीर्ष कॉर्पोरेट पदों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी भी कमजोर है। वैश्विक स्तर पर जहाँ सी-सूट में महिलाओं की हिस्सेदारी 30% है, वहीं भारत में यह केवल 19% तक सीमित है। यह अंतर न केवल लैंगिक असमानता को उजागर करता है, बल्कि भारत की कॉर्पोरेट संस्कृति में गहरे बैठे मुद्दों की ओर भी इशारा करता है।

लिंक्डइन और द क्वांटम हब की 2024 रिपोर्ट से तुलना करें तो वरिष्ठ नेतृत्व में महिलाओं की हिस्सेदारी 18% थी, जो 2022 के 19% से थोड़ा कम है। वहीं, ग्रांट थॉर्नटन, 2023 के अनुसार मिड-मार्केट व्यवसायों में यह आंकड़ा 36% तक पहुंच गया, जो दर्शाता है कि छोटे संगठनों में प्रगति बेहतर है।

कॉर्पोरेट में महिलाओं के लिए क्या हैं चुनौतियाँ?

अवतार की रिपोर्ट ने कई मूलभूत समस्याओं को उजागर किया जो महिलाओं को सी-सूट तक पहुंचने से रोक रही हैं। ये चुनौतियाँ न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि संगठनात्मक और सामाजिक स्तर पर भी मौजूद हैं। रिपोर्ट में 60% उत्तरदाताओं ने वर्क-लाइफ इंटीग्रेशन को सबसे बड़ी बाधा बताया, 44% ने लैंगिक भेदभाव को, और 41% ने योग्य उम्मीदवारों की कमी को जिम्मेदार ठहराया।

1 . वर्क-लाइफ बैलेंस की कमी
60% लोगों का मानना है कि कार्य और जीवन के बीच संतुलन न होना महिलाओं के लिए सबसे बड़ी बाधा है। मातृत्व लाभ अधिनियम, 2017 के तहत 26 सप्ताह का अवकाश मिलता है, लेकिन पितृत्व अवकाश की कमी से घरेलू जिम्मेदारियां आसान रहती हैं।

2 . लैंगिक भेदभाव
44% ने कहा कि भर्ती और पदोन्नति में भेदभाव अब भी जारी है। यह “ग्लास सीलिंग” प्रभाव को दर्शाता है, जो महिलाओं को शीर्ष तक पहुंचने से रोकता है।

3. योग्यता की कमी
41% कंपनियों का मानना है कि नेतृत्वकारी भूमिकाओं के लिए योग्य महिलाएं उपलब्ध नहीं हैं। यह शिक्षा और प्रशिक्षण में लैंगिक अंतर को दर्शाता है।

4 महामारी का प्रभाव
2019 में जहाँ वरिष्ठ नेतृत्व में महिलाओं की छंटनी दर 4% थी, वहीं 2020 में यह 10% तक पहुंच गई। 2024 में यह 8% तक कम हुई, लेकिन अभी भी सामान्य से अधिक है।

डाइवर्सिटी, इक्विटी, और इनक्लूजन (DEI) नीतियाँ भारत में कॉर्पोरेट क्षेत्र में बदलाव ला रही हैं, लेकिन प्रभाव अभी तक सीमित है। कंपनी अधिनियम, 2013 के बाद बोर्ड में महिलाओं की हिस्सेदारी 5.8% से बढ़कर 17.1% हुई। DEI अपनाने वाली कंपनियों में सी-सूट में यह 22-25% तक है।

समाधान, सिफारिशें और सम्भावनायें
भारत में लैंगिक समानता को बढ़ाने के लिए कुछ प्रयास किये जा सकतें हैं –

1 अवतार की संस्थापक डॉ. सौंदर्या राजेश ने “टारगेटेड डाइवर्सिटी-ड्रिवेन एग्जीक्यूटिव सर्च” की वकालत की। यह योग्य महिलाओं को शीर्ष तक पहुंचा सकता है।
2 हाइब्रिड वर्क और समान माता-पिता अवकाश (जैसे स्वीडन का 480 दिन का मॉडल) लागू करना।
3 अवतार का “डिजिपिवट” प्रोग्राम जैसे प्रयास नेतृत्व के लिए महिलाओं को तैयार कर सकते हैं।
4 नॉर्वे (40% बोर्ड कोटा, 35% सी-सूट) और कनाडा (“Comply or Explain”) से प्रेरणा लेकर नीतियाँ सख्त करना।
5 DEI लक्ष्य पूरा करने वाली कंपनियों को टैक्स छूट देना।

DEI नीतियों ने भारत में प्रगति की नींव रखी है, लेकिन सी-सूट में 19% से आगे बढ़ने के लिए सख्त और व्यापक कदम उठाने होंगे। अगले 3-5 वर्षों में यदि सुझाई गई नीतियाँ लागू हों, तो 25-30% तक पहुंच संभव है। विश्व बैंक के अनुसार, लैंगिक समानता से भारत की GDP में 5.8 ट्रिलियन USD की वृद्धि हो सकती है। यह न केवल कॉर्पोरेट, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की भी पहल है।

TAGGED:corporate womenindia issuewomen empowermentwomen leadership
Share This Article
Email Copy Link Print
ByPoonam Ritu Sen
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश के घर सीबीआई की रेड, 5 आईपीएस अधिकारियों के घर भी छापा
Next Article डॉक्टर,इंजीनियर,रिटायर्ड IAS अधिकारी ने भी ले ली किसान सम्मान राशि !

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

वायुसेना ने भारत के पहले भावी अंतरिक्ष यात्री को ट्रेनिंग से वापस बुलाया

नई दिल्ली। भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए चुने गए चार…

By Lens News Network

पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करते सनातनी एकता मंच के दो गिरफ्तार

द लेंस डेस्‍क। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बोंगांव में सांप्रदायिक तनाव…

By The Lens Desk

लोकतंत्र का शुभ–लाभ !

बारूद और लाशों के बीच बस्तर से एक अच्छी खबर आई है। खबर है कि…

By Editorial Board

You Might Also Like

आंकड़ा कहता है

95 करोड़ भारतीय खाते हैं मछली!

By The Lens Desk
Children at Chhattisgarh Congress's protest
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के धरना प्रदर्शन में बच्चे, तापमान था 43 डिग्री

By Nitin Mishra
आंकड़ा कहता है

2050 तक भारत की एक तिहाई आबादी मोटापे के गिरफ्त में, क्या कहती है स्टडी ?

By Poonam Ritu Sen
आंकड़ा कहता है

33 फीसदी सैलरी का हिस्‍सा EMI में हो रहा खर्च

By Poonam Ritu Sen

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?