क्वेटा, पाकिस्तान | बलूचिस्तान के बोलान जिले में मंगलवार को बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक किए हुए 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है। इस हमले में अब तक पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 27 आतंकवादियों को मार गिराया है और 155 बंधकों को सुरक्षित रिहा करा लिया है। हालांकि, अभी भी कई यात्री बीएलए के कब्जे में हैं और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
जाफर एक्सप्रेस क्या हुआ था?
मंगलवार सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए रवाना हुई जाफर एक्सप्रेस में 425 यात्री सवार थे, जिनमें पाकिस्तानी सैनिक और पुलिसकर्मी भी शामिल थे। दोपहर करीब 1 बजे माशकाफ इलाके में बीएलए ने रेलवे ट्रैक को उड़ाकर ट्रेन को एक सुरंग में रोका और उस पर गोलीबारी शुरू कर दी। हमलावरों ने 214 यात्रियों को बंधक बना लिया।बीएलए ने दावा किया कि उसने 30 से ज्यादा सैनिकों को मार डाला, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

बीएलए की मांग और धमकी
बीएलए ने बंधकों को “युद्धबंदी” करार देते हुए मंगलवार रात 10 बजे पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया। उनकी मांग है कि जेल में बंद बलूच कार्यकर्ताओं, राजनीतिक कैदियों, गायब लोगों और अलगाववादी नेताओं को बिना शर्त रिहा किया जाए। समूह ने चेतावनी दी कि समय सीमा के बाद उनकी मांगें पूरी न होने पर बंधकों को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
सुरक्षा बलों का जवाब
पाकिस्तानी सेना ने बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है। अब तक 155 बंधकों को छुड़ाया जा चुका है, लेकिन बाकी को रिहा कराने की चुनौती बनी हुई है। गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने कहा, “BLA के लड़ाके महिलाओं और बच्चों को ढाल बना रहे हैं, जिसके चलते सेना सावधानी से काम कर रही है। ये कायराना हरकत है।” वहीं, गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने हमलावरों को “जानवर” करार देते हुए कहा कि सरकार कोई समझौता नहीं करेगी।
पिछले हमलों का इतिहास
पिछले साल अगस्त 2024 में बीएलए ने इसी रूट पर कोलपुर और माच के बीच एक पुल को उड़ा दिया था, जिसके बाद ट्रेन सेवा दो महीने तक बंद रही। 11 अक्टूबर 2024 को सेवा बहाल हुई थी, लेकिन अब फिर से यह संकट सामने आया है।
बीएलए का अल्टीमेटम गुरुवार रात 10 बजे खत्म होगा। तब तक स्थिति पर नजर बनी हुई है। बचाव अभियान जारी है, लेकिन पहाड़ी इलाकों और खराब नेटवर्क के कारण चुनौतियां बढ़ रही हैं। “