हाल ही में मस्जिद के सर्वे और सांप्रदायिक तनाव की वजह से चर्चा में रहे उत्तर प्रदेश के संभल के क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी का होली पर दिया गया बयान गैरजिम्मेदाराना होने के साथ ही बेहद आपत्तिजनक है। सीओ चौधरी ने कहा है कि जुमा तो साल में 52 बार आता है, होली एक बार। जिन्हें रंग से एतराज हो, वे घर में रहे हैं….। हैरत नहीं होनी चाहिए कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चौधरी के इस विवादास्पद बयान का अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया है। बताने की जरूरत नहीं कि ये वही अनुज चौधरी हैं, जो एक शोभा यात्रा में गदा लिए नजर आए थे! दरअसल हाल के बरसों में भाजपा और आरएसएस और उनके आनुषांगिक संगठनों ने उत्तर प्रदेश को हिंदुत्व की नई प्रयोगशाला में बदल दिया है, होली जैसे समरसता वाले त्योहार को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश इसी का हिस्सा है। यह उस गंगा-जमुनी तहजीब पर चोट है, जिसका नजारा हाल ही में कुंभ के दौरान हुई भगदड़ के समय तब देखा गया था, जब मुस्लिम बस्तियों में हिंदू श्रद्धालुओं के लिए दरवाजे खोल दिए गए थे। राजनीतिक सवालों से इतर यह देश के हर नागरिक को दी गई संवैधानिक गारंटी के मद्देनजर एक बेहद गंभीर मामला है, जिसका तुरंत संज्ञान लिए जाने की जरूरत है, क्योंकि जिस पुलिस पर राज्य के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, उसका एक अधिकारी परोक्ष रूप से भड़काऊ बयान दे रहा है।