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अन्‍य राज्‍य

तेलंगाना पुलिस ने मेधा पाटकर को क्‍यों दी इलाका छोड़ने की सलाह  

The Lens Desk
Last updated: April 18, 2025 9:32 am
The Lens Desk
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हैदराबाद। जन आंदोलनों के राष्ट्रीय गठबंधन (एनएपीएम) के 30वें वर्षगांठ समारोह में शामिल होने सोमवार (3 मार्च, 2025) को हैदराबाद पहुंचीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को पुलिस ने कार्यकर्ता के घर से बाहर जाने की सलाह दी। पुलिस का कहना है कि उन्हें इस दौरे की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।

मेधा पाटकर ने मूसी नदी के पास स्थित चदरघाट इलाके में एक कार्यकर्ता के घर जाकर वहां के निवासियों से मुलाकात की। एनएपीएम के किरण कुमार विस्सा ने बताया कि पाटकर अचानक इस क्षेत्र में गई थीं। यह कोई योजनाबद्ध विरोध प्रदर्शन नहीं था। उन्होंने सिर्फ स्थानीय कार्यकर्ताओं और मूसी परियोजना से प्रभावित लोगों से बातचीत की थी।

पुलिस के अनुसार, जब उन्हें पाटकर की मौजूदगी की जानकारी मिली, तो वे तुरंत वहां पहुंचे और उनके आने का कारण पूछा। इस पर पाटकर ने बताया कि वे सिर्फ एक मित्र से मिलने आई थीं।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया, “पाटकर एक राष्ट्रीय स्तर की नेता हैं, लेकिन उन्हें आमंत्रित करने वाले व्यक्ति ने पुलिस को उनकी यात्रा की सूचना नहीं दी थी। अगर उन्हें कुछ हो जाता, तो क्या होता? पुलिस को उनके दौरे पर कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन पहले से सूचना दी जाती तो हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते थे।”

अधिकारी ने यह भी कहा कि पाटकर को केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इलाका छोड़ने की सलाह दी गई थी और इसका मूसी नदी पुनरुद्धार परियोजना से कोई संबंध नहीं था।

इस मामले में किरण कुमार विस्सा ने कहा, “पुलिस ने जब उन्हें वहां देखा तो वापस जाने को कहा, क्योंकि किसी प्रदर्शन या पदयात्रा की अनुमति नहीं थी। पाटकर ने स्पष्ट किया कि उन्हें कहीं भी जाने और लोगों से बात करने का अधिकार है। यह दौरा किसी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था।”

गौरतलब है कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार मूसी नदी पुनरुद्धार परियोजना को लेकर काम कर रही है। वहीं, विपक्षी बीआरएस और भाजपा ने इस परियोजना के नाम पर गरीबों के घरों को तोड़ने के आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना साधा है।

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