नई दिल्ली | Indigo के लगातार सातवें दिन चले उड़ान संकट के बीच सोशल मीडिया पर एक अनाम कर्मचारी का लिखा ओपन लेटर तेजी से वायरल हो रहा है। इस लेटर में कंपनी के अंदरूनी हालात, मैनेजमेंट के घमंड, कर्मचारियों पर शोषण और सुरक्षा से खिलवाड़ जैसी कड़वी बातें लिखीं गयी है। इसमें कर्मचारी ने लिखा है ‘इंडिगो एक दिन में नहीं टूटा, हम सबने इसे सालों तक टूटते देखा।’
ओपन लेटर में लगे गंभीर आरोप
नेतृत्व का घमंड और ‘टू बिग टू फेल’ वाला रवैया- कंपनी को लगा कि वह इतनी बड़ी हो गई है कि कभी नहीं गिरेगी। कर्मचारियों की चेतावनियाँ और थकान की रिपोर्ट्स को बार-बार दबाया गया।
योग्यता की जगह टाइटल और पावर- ‘जो लोग सही ईमेल तक नहीं लिख सकते थे, उन्हें वीपी बना दिया गया’ सिर्फ इसलिए कि टाइटल से पावर और ESOPs मिलते हैं। यही लोग शेड्यूलिंग और ड्यूटी सिस्टम को बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार हैं।
कर्मचारियों का बर्बर शोषण, नाइट ड्यूटी दोगुनी, छुट्टियाँ आधी
ओपन लेटर में लिखे अनुसार – ग्राउंड स्टाफ को महज 16-18 हजार रुपये में तीन लोगों जितना काम कराया जा रहा था। एक इंजीनियर को एक साथ कई विमानों की जिम्मेदारी थमा दी जाती थी। केबिन क्रू यात्रियों के सामने मुस्कुराकर सर्विस देते थे, लेकिन जैसे ही गैली में जाते, रो पड़ते थे। थकान की शिकायत करने वाले कर्मचारियों को डांट-फटकार मिलती थी और मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ता था।
सबसे हैरान करने वाली बात यह कि मैनेजमेंट ने साफ आदेश दिया था – ‘यात्रियों को पैसेंजर मत कहो, वे खुद को मालिक समझने लगेंगे।’ कर्मचारी ने इस सोच को बेहद खतरनाक बताया है। पत्र में कर्मचारी ने लिखा है, ‘हम शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से पूरी तरह खाली हो चुके थे, मानो खाली टैंक लेकर उड़ान भर रहे हों।’

DGCA पर भी सवाल
कर्मचारी ने रेगुलेटर DGCA पर भी गंभीर आरोप लगाया है कि थकान और सुरक्षा से जुड़ी शिकायतों को सालों तक अनदेखा किया गया। यह ओपन लेटर सबसे पहले 6 दिसंबर को एविएशन विशेषज्ञ @AeroAwcs के एक्स हैंडल पर पोस्ट किया गया। उसके बाद यह लाइटनिंग स्पीड से वायरल हो गया। अब तक मनीकंट्रोल, बिजनेस टुडे, एनडीटीवी, हिंदुस्तान टाइम्स सहित कई बड़े मीडिया इसे कवर कर चुके हैं।
हालांकि कंपनी ने अभी तक इस खत पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। DGCA ने पहले ही इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और COO को कारण बताओ नोटिस जारी कर रखा है।यात्रियों और एविएशन सेक्टर के जानकार इस खत को ‘इंडिगो के अंदरूनी सिस्टम के पतन का आईना’ बता रहे हैं। अगर ये आरोप सही साबित हुए तो यह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन के लिए अब तक का सबसे बड़ा संकट साबित हो सकता है।

