कोलकाता। WEST BENGAL के मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर को प्रस्तावित ‘बाबरी मस्जिद’ के शिलान्यास को लेकर सियासी तूफान तेज हो गया है। तृणमूल कांग्रेस से निलंबित नेता हुमायूं कबीर ने ठान लिया है कि शनिवार दोपहर 12 बजे बेलडांगा में मस्जिद की नींव रखी जाएगी। उधर कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले में दखल देने से साफ इनकार कर दिया है और सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर डाल दी है।
कानून-व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी- HC
शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। अंतरिम मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार का काम है, कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा।’ कोर्ट के इस फैसले के बाद हुमायूं कबीर और खुश हो गए। उन्होंने कहा, ‘यह मेरा संवैधानिक अधिकार है और मैं शनिवार को कार्यक्रम जरूर करूंगा।’
TMC से निकाले गए हुमायूं कबीर
हुमायूं कबीर ने जानबूझकर 6 दिसंबर की तारीख चुनी है, क्योंकि इसी दिन 1992 में अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराया गया था। उनके इस ऐलान से विवाद इतना बढ़ा कि तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। अब हुमायूं खुलकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बोल रहे हैं। वे कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय के कई बड़े नेता उनके साथ शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होंगे।
मुर्शिदाबाद में हाई अलर्ट, केंद्र ने भेजीं 19 कंपनियां
राज्य सरकार किसी भी तरह के तनाव से बचना चाहती है। मुर्शिदाबाद को हाई अलर्ट पर रखा गया है। केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की 19 कंपनियां तैनात कर दी हैं। पूरे इलाके में भारी पुलिस बल रहेगा ताकि शांति भंग न हो। फिलहाल दोनों तरफ से बयानबाजी जारी है और शनिवार का दिन पश्चिम बंगाल की सियासत के लिए बेहद अहम होने वाला है।

