लेंस डेस्क। कानपुर से तीन बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का 81 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया। वे भारतीय राजनीति में लंबे समय तक सक्रिय एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व रहे। उनका जन्म 25 सितंबर 1944 को कानपुर में हुआ था।
श्रीप्रकाश जायसवाल ने अपनी राजनीतिक यात्रा 1989 में कानपुर के महापौर के पद से शुरू की और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। यूपीए सरकार के प्रथम कार्यकाल में वे 23 मई 2004 से 22 मई 2009 तक गृह राज्य मंत्री रहे। इसके बाद यूपीए के दूसरे कार्यकाल में 19 जनवरी 2011 से 26 मई 2014 तक उन्होंने कोयला मंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने कोयला मंत्रालय के साथ-साथ सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग का भी दायित्व संभाला।
कुछ वर्षों से वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। शुक्रवार को उनकी हालत अचानक बिगड़ गई। उन्हें सबसे पहले किदवई नगर के एक नर्सिंग होम ले जाया गया, जहाँ से उन्हें हृदय रोग विशेषज्ञ के पास रेफर किया गया। वहाँ चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
श्रीप्रकाश जायसवाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कानपुर के बीएनएसडी इंटर कॉलेज से प्राप्त की। 28 अप्रैल 1967 को उनका विवाह माया रानी जायसवाल से हुआ। उनके दो पुत्र, एक पुत्री और दो पोते हैं। यह उल्लेखनीय है कि उनके भाई प्रमोद जायसवाल ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का सदस्यता ग्रहण कर ली थी, लेकिन श्रीप्रकाश जायसवाल अंत तक कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखे।
कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। श्रीप्रकाश जायसवाल का चार दशकों से अधिक समय तक चले राजनीतिक सफर ने उन्हें उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उनका निधन कांग्रेस परिवार के लिए एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है।

