नई दिल्ली। इंडिया गेट पर वायु प्रदूषण के खिलाफ आयोजित एक प्रदर्शन उस वक्त विवादों में आ गया जब प्रदर्शनकारियों ने माओवादी कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए और उसके पोस्टर लहराने लगे।
शनिवार को हुए इस प्रदर्शन को बीजेपी ने सीधे-सीधे ‘शहरी नक्सलवाद’ का एजेंडा करार दिया और कहा कि यह प्रदर्शन असल में पर्यावरण की चिंता से नहीं, बल्कि कुछ और मकसद से किया जा रहा था।
पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग एक तरफ प्रदूषण पर आंसू बहा रहे थे, दूसरी तरफ मारे गए नक्सली हिडमा की जय-जयकार कर रहे थे।
उन्होंने प्रदर्शनकारियों को ‘बदमाश एक्टिविस्ट’ कहा और पंजाब को दिल्ली की खराब हवा के लिए जिम्मेदार ठहराया। मालवीय ने यह भी बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर मिर्ची स्प्रे छिड़क दिया।
गौरतलब है कि माडवी हिडमा छत्तीसगढ़ का कुख्यात माओवादी कमांडर था, जिसका सिर एक करोड़ रुपये से ज्यादा का इनाम था। 18 नवंबर को छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ हुई भयंकर मुठभेड़ में हिडमा अपनी पत्नी सहित मारा गया था। उस मुठभेड़ में कुल छह माओवादियों के शव बरामद हुए थे।
इसी बीच माओवादी संगठन ने भी अपनी गतिविधियों को तेज करने का संकेत दिया है। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने पहली बार 17 पेज की एक विस्तृत बुकलेट जारी की है, जिसमें पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर 2 से 8 दिसंबर तक पूरे देश में ‘क्रांतिकारी उत्सव’ मनाने का ऐलान किया गया है।
इस बुकलेट में पिछले एक साल की गतिविधियों, चुनौतियों और ‘ऑपरेशन कगार’ में पिछले 11 महीनों में अपने 320 साथियों के मारे जाने की बात को भी स्वीकार किया गया है।

