बस्तर। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने एक विस्तृत बुकलेट जारी करते हुए पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की 25वीं वर्षगांठ पर 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक देशभर में ‘क्रांतिकारी उत्सव’ मनाने का आह्वान किया है। हालांकि यह बुकलेट 14 नवंबर को जारी किया गया है। तब तक नक्सल कमांडर माड़वी हिड़मा को मुठभेड़ में मारा नहीं गया था।
जारी की गई 17 पन्नों की इस बुकलेट में संगठन ने अपने पिछले एक वर्ष के भीतर हुए घटनाक्रम, माओवादी गतिविधियों, और आंतरिक चुनौतियों का उल्लेख किया है। इसके साथ ही पिछले करीब 11 महीनों में ‘ऑपरेशन कगार’ में फोर्स का सामना करते 320 माओवादियों के मारे जाने की पुष्टि की।
CMC ने अपने दस्तावेज़ में दावा किया है कि संगठन ‘प्रतिक्रांतिकारी कगार युद्ध’ का सामना कर रहा है। इस युद्ध से पार्टी, पीएलजीए, जनसंगठनों और आंदोलन को बचाने का आह्वान किया गया है।
माओवादी बुकलेट में बताया गया है कि दिसंबर 2024 से नवंबर 2025 के बीच देशभर में कुल 320 माओवादियों मारे गए। इसमें 183 पुरुष और 117 महिला सदस्य बताए गए हैं। संगठन का कहना है कि ये मौतें मुठभेड़ों, बीमारी, दुर्घटनाओं और संगठनात्मक कारणों के चलते हुईं।
बिहार–झारखंड में 22, असम में 1, दंडकारण्य में 243, ओडिशा में 33, महाराष्ट्र–मध्यप्रदेश–छत्तीसगढ़ (एमपीएमसी) में 7, तेलंगाना में 8 और ओड़िशा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य हिस्से में 6 की मौत हुई।
बुकलेट के अनुसार, कई कमांडर, एरिया समिति सदस्य से लेकर जनमिलिशिया स्तर तक के माओवादी मारे गए।
इस दस्तावेज़ में सरेंडर पॉलिसी को ‘राज्य की रणनीति’ बताते हुए इसका कड़े शब्दों में विरोध किया गया है। माओवादियों ने अपने कैडर से आत्मसमर्पण न करने और संगठन के प्रति प्रतिबद्ध रहने की अपील की है।
CMC ने पीएलजीए की 25वीं वर्षगांठ को चिह्नित करते हुए पार्टी कैडर, पार्टी कमांडो, जनमिलिशिया और जनसंगठनों के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। इनमें शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित करने, ‘शहीद सप्ताह’ की तर्ज पर स्मरण आयोजन करने, संगठन मजबूती, संसाधन प्रबंधन और गुप्त तंत्र की सुरक्षा बढ़ाने, तकनीकी और सांस्कृतिक कार्यों को तेज करने जैसे दिशा-निर्देश शामिल हैं।
बुकलेट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 2 से 8 दिसंबर के बीच पीएलजीए वर्षगांठ को क्रांतिकारी उत्साह से मनाया जाए। पोस्टर और संदेशों में पार्टी ने अपने कैडर को “एकजुट होकर संघर्ष को तेज करने” की अपील की है।
हाई अलर्ट, IG सुंदरराज ने कहा – हिंसा छोड़ें माओवादी कैडर
माओवादियों द्वारा जारी इस बुकलेट और वर्षगांठ सप्ताह के आह्वान को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और ओडिशा सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है। इन जिलों में पहले से ही हाई-अलर्ट जारी किया गया है।
बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि माओवादियों के अपने ही प्रेस नोट में 320 कैडरों की मौत को स्वीकार करना, संगठन के संकट और पतन को दर्शाता है।
सुंदरराज ने आगे कहा कि विफल और अप्रासंगिक हो चुकी माओवादी क्रांति के नाम पर जारी हिंसा का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इसकी सबसे बड़ी कीमत निर्दोष ग्रामीणों और आदिवासी समुदायों ने ही चुकाई है।
बस्तर आईजी ने माओवादी कैडरों से पुनः अपील है कि वे हिंसा छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ें—जहां सम्मान, सुरक्षा, पुनर्वास और जीवन में आगे बढ़ने के अवसर उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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