नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए चैयरमैन तुहिन कांत पांडे होंगे। अगले तीन सालों तक तुहिन पांडे भारतीय शेयर बाजार को नियंत्रित करने वाली संस्था सेबी के प्रमुख के रूप में काम करेंगे।
वह मौजूदा प्रमुख माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे। पांडे की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब शेयर बाजार भारी उतार चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने गुरुवार (27 फरवरी) को तुहिन कांत पांडे के नाम पर मुहर लगाई। पांडे को वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में काम करने का अनुभव है।
तुहिन कांत पांडे 1987 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है।
पांडे ने ओडिशा सरकार और केंद्र सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव के रूप में कार्य किया।
जहां उन्होंने एयर इंडिया के निजीकरण और एलआईसी के आईपीओ जैसे प्रमुख विनिवेश प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हाल ही में वे वित्त सचिव और राजस्व विभाग के सचिव के पद पर कार्यरत थे।
विवादों में क्यों रहीं सेबी पहली महिला प्रमुख माधवी बुच
माधवी बुच का सेबी प्रमुख के रूप में कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हो गया। 2 मार्च 2022 को सेबी की पहली महिला प्रमुख बनने वाली बुच ने अपने करियर की शुरुआत 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से की थी। बुच के कार्यकाल का आखिरी साल विवादों से भरा रहा है।
सेबी के कर्मचारियों ने ‘कामकाज के गलत तरीकों’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। साथ ही अमेरिका की रिसर्च एंड इनवेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग और विपक्षी दल कांग्रेस ने भी उनपर कई आरोप लगाए थे। जिसमें से अडानी की कंपनियों को लाभ पहुंचाने जैसे आरोप प्रमुख थे।
हिंडनबर्ग ने बुच और उनके पति धवल बुच पर विदेशी संस्थाओं में निवेश का आरोप लगाया था। जिसमें अडानी ग्रुप के फाउंडर चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी ने भी निवेश किया था।