सुकमा। छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में सुरक्षाबलों ने एक और सफल अभियान चलाया। सुकमा जिले के भेज्जी थाना क्षेत्र में रविवार सुबह नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ (Naxal Encounter) में दो महिलाओं समेत तीन नक्सलियों को मार गिराया गया। इनमें जनमिलिशिया कमांडर और स्नाइपर विशेषज्ञ माड़वी देवा भी शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि यह कार्रवाई जिलाबहादुरगढ़-चिंतागुफा सीमा पर चली, जहां डीआरजी की टीम ने नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी थी। मुठभेड़ तुमालपाड़ के जंगलों में सुबह करीब साढ़े नौ बजे शुरू हुई, जब नक्सलियों ने अचानक गोलीबारी की। जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और रुक-रुककर चली फायरिंग में तीनों को ढेर कर दिया।
मौके पर पहुंची टीमें ने शव बरामद किए और भारी मात्रा में हथियार जब्त किए, जिनमें 303 राइफल, बीजीएल लॉन्चर, ग्रेनेड और गोला बारूद शामिल हैं। तीनों मारे गए नक्सलियों पर राज्य सरकार ने प्रत्येक पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। चव्हाण ने कहा कि यह सफलता नक्सली संगठन की रीढ़ तोड़ने वाली है। फिलहाल, डीआरजी, बस्तर फाइटर्स और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमें इलाके में सर्चिंग जारी रखे हुए हैं, ताकि कोई और नक्सली छिपा न रहे।
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि 2025 में अब तक इस क्षेत्र में 233 माओवादियों को मार गिराया जा चुका है। उनका मानना है कि माओवाद अब अंतिम सांसें ले रहा है और कैडरों के पास हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का एकमात्र रास्ता बचा है। चार दिन पहले ही बीजापुर के नेशनल पार्क इलाके में तीन महिलाओं समेत छह नक्सलियों को मार गिराया गया था, जिसमें मद्देड एरिया कमेटी के प्रमुख बुच्चन्ना और पापाराव की पत्नी उर्मिला शामिल थीं। इन पर कुल 27 लाख का इनाम था।
इन लगातार अभियानों से नक्सली संगठन का ढांचा चरमरा गया है। भैरमगढ़ और गंगालूर एरिया कमेटियां पहले ही सरेंडर से खाली हो चुकी हैं, और अब मद्देड भी शून्य हो गया। जिले में महज एक-दो क्षेत्र बचे हैं जहां नक्सली सक्रिय हैं। संगठन का पिरामिड स्ट्रक्चर पोलित ब्यूरो से लेकर जोन और डिवीजन तक अब सिमटकर बीजापुर तक रह गया है।

