नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन में बढ़ते मतभेदों के बीच राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने बुधवार पटना में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की। पटना पहुंचते ही अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि ‘पांच या दस सीटों पर दोस्ताना मुक़ाबला कोई बड़ी बात नहीं है।’
यादव परिवार से मिलने के बाद, उन्होंने उम्मीद जताई कि कल नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख तक सब कुछ सुलझ जाएगा। हालांकि, इनमें से 5 सीटें पहले चरण में थीं, जहां नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख सोमवार को समाप्त हो गई थी।
जानकारी मिली है कि महागठबंधन के नेता एकजुट मोर्चा दिखाने और गठबंधन के भीतर अव्यवस्था की कहानी को रोकने के लिए गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सकते हैं।
गहलोत ने कहा, ‘हमारे लिए चुनाव जीतना बेहद ज़रूरी है। खासकर तब जब कांग्रेस जिस गठबंधन का हिस्सा थी, वह महाराष्ट्र में हार गया। बिहार चुनाव राष्ट्रीय राजनीति की दिशा तय करेंगे। यह ज़रूरी है कि एनडीए, जिसने समाज में विभाजन पैदा किया है और अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है, को करारा झटका मिले। बिहार की जनता इस बात को समझने के लिए पर्याप्त समझदार है।’
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘एनडीए में उथल-पुथल, वास्तव में, हमारे खेमे से भी ज़्यादा है। लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में पूर्वाग्रह के कारण मीडिया इसे उजागर नहीं करता।’
उन्होंने हाल ही में संपन्न हुई “मतदाता अधिकार रैली” का भी ज़िक्र किया, जहां तेजस्वी यादव ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गाड़ी में बिठाकर घुमाया था।
उन्होंने कहा, ‘आपने दो महीने पहले मतदाता अधिकार यात्रा के दौरान राहुल और तेजस्वी के बीच की केमिस्ट्री देखी है, जब दोनों नेताओं ने पूरे राज्य का दौरा किया था। वे उचित समय पर उचित निर्णय लेंगे।’
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