नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन गिरावट जारी रही और बांबे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 75,000 से नीचे चला गया। 24 फरवरी को बाजार खुलते ही सेंसेक्स 750 अंक से ज्यादा गिरकर 74,500 के नीचे चला गया, जबकि निफ्टी 225 अंकों की गिरावट के साथ 22,548 के स्तर तक फिसल गया। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के चलते बाजार पर दवाब बना हुआ है। यह उन उम्मीदों के बिल्कुल उलट है, जब यह अनुमान लगाया जा हा था कि 2025 में सेंसेक्स एक लाख अंक तक पहुंच जाएगा।
फरवरी में अब तक सिर्फ 4 और 18 फरवरी को ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार में निवेश किया, बाकी दिनों में लगातार बिकवाली हावी रही। अमेरिकी बाजारों में गिरावट और टैरिफ वॉर को लेकर बढ़ती चिंताओं ने भारतीय बाजार पर भी दबाव बनाया है। आईटी इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट देखी गई, जो करीब 2% तक टूट गया। आईटी कंपनियों पर विदेशी दबाव और धीमी ग्रोथ के कारण यह सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ।
क्या कहते हैं विशेषज्ञों
शेयर बजार एक्सपर्ट अभय शाह का मानना है कि अगर विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहती है और वैश्विक बाजारों में स्थिरता नहीं आती है, तो बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि बाजार जल्द ही स्थिर हो सकता है और निवेशकों को लंबी अवधि के नजरिए से अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करने का मौका मिल सकता है।
सितंबर 2024 में 83 पार कर गया था सेंसेक्स
लगातार गिरता शेयर बाजार इस समय भले ही चिंता का कारण बन रहा है, लेकिन सितंबर-2024 में निफ्टी 25,500 के करीब आ चुका है और सेंसेक्स ने 85,000 का लेवल पार कर लिया था। तब बाजार विशषज्ञों ने सेंसेक्स 90 हजार के पार और एक लाख के आस-पास जाने का अनुमान लगाया था।
चीन का बाजार मुनाफे में
पिछले कुछ महीनों से भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जबकि चीन के शेयर बाजार में मजबूती आई है। अक्टूबर 2024 से अब तक भारत का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ डॉलर कम हुआ है, वहीं चीन का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ डॉलर बढ़ा है। हैंग सेंग इंडेक्स ने सिर्फ एक महीने में 18.7% की बढ़त दर्ज की है, जबकि निफ्टी में 1.55% की गिरावट आई है।