रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम ने (MAUSAM ALERT) करवट ली है। भारतीय मौसम विभाग ने 24 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जहां गरज-चमक के साथ हल्की बारिश और तेज हवाओं की उम्मीद है। रायपुर और दुर्ग-भिलाई जैसे शहरों में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं, जिससे ठंडक बढ़ गई है। इसके अलावा, बस्तर में भूस्खलन से रेल ट्रैक बाधित हो गया है और अक्टूबर में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
24 जिलों में बारिश का खतरा, रहें सतर्क
मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक, अगले कुछ घंटों में 24 जिलों जिसमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव और बस्तर शामिल हैं इस जगहों में हल्की फुहारें और 40-50 किमी/घंटा की आंधी चल सकती है। ये अलर्ट लोगों को सावधान रहने की सलाह देता है खासकर यात्रा करने वालों को। रायपुर में बादल छाए रहने से तापमान थोड़ा गिरा है लेकिन अगले पांच दिनों में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखेगा।
बस्तर में भूस्खलन: रेल ट्रैक पर चट्टानें, ट्रेनें रद्द
रविवार की सुबह करीब 4 बजे बस्तर के त्याडा और चिपुरूपल्ली स्टेशनों के बीच रेल पटरियों पर भारी भूस्खलन हो गया। पहाड़ी इलाके में चट्टानों के बड़े टुकड़े गिरने से एक मालगाड़ी बीच रास्ते रुक गई। रेलवे ने तुरंत अधिकारी भेजे और रास्ता साफ करने का काम शुरू कर दिया। इससे किरंदुल-विशाखापट्टनम रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी गईं। यात्रियों को वैकल्पिक रूट्स का सुझाव दिया जा रहा है। ये घटना बस्तर को ओडिशा और आंध्र प्रदेश से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण रेल लाइन पर हुई जो इलाके की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती है।
तापमान सामान्य: दुर्ग में 33.2°C, अंबिकापुर में 15.8°C
पिछले 24 घंटों में दुर्ग में सबसे ज्यादा तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अंबिकापुर सबसे ठंडा रहा न्यूनतम 15.8 डिग्री। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले पांच दिनों तक मौसम स्थिर रहेगा लेकिन बारिश की वजह से नमी बढ़ सकती है। लोगों को हल्के कपड़े पहनने और छाते रखने की सलाह है।
अक्टूबर में बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड, मानसून 10-12 दिन लेट लौटा
इस साल अक्टूबर ने बारिश के मामले में धूम मचा दी है। 16 अक्टूबर तक सामान्य से 85% ज्यादा, यानी 79.1 मिमी से अधिक वर्षा हो चुकी है, जबकि औसत 42.7 मिमी होता है। अक्टूबर में अब तक 109% अतिरिक्त पानी बरस चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून को 30 सितंबर तक ही गिना जाता है, उसके बाद की बारिश को ‘मानसून के बाद की वर्षा’ कहते हैं।
छत्तीसगढ़ में मानसून आमतौर पर 5 अक्टूबर के आसपास सरगुजा से विदा होता है, लेकिन इस बार 10-12 दिन की देरी से लौटा। देशभर में मानसून विदा हो चुका है, लेकिन यहां पोस्ट-मानसून बारिश ने मौसम को तरोताजा कर दिया है।

