लेंस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत अब रूस से तेल की खरीद बंद कर देगा। इस बयान पर रूस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आपको बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और सितंबर में चीन के बाद रूस से तेल खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश रहा।
भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए रूसी तेल जरूरी है और दोनों देशों के बीच भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारी है। उन्होंने भारत को रूस का विश्वसनीय साथी बताया। ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया था, क्योंकि वह नहीं चाहते कि भारत रूस से तेल खरीदे।
रूस के राजदूत ने कहा कि भारत के कुल कच्चे तेल आयात का करीब एक-तिहाई हिस्सा रूस से आता है। उन्होंने रूस को भारत के लिए किफायती और भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार बताया। साथ ही, दोनों देशों के रिश्ते को वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण करार दिया।
रूस ने ट्रंप के बयान पर कड़ा रुख अपनाया। राजदूत अलीपोव ने कहा कि ग्लोबल नॉर्थ के देश टैरिफ और प्रतिबंध लगाकर बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को स्वीकार करने से बच रहे हैं। इससे वैश्विक शासन में सुधार में देरी हो रही है, जो बेहद जरूरी है।
ट्रंप भारत और चीन से नाराज हैं। उन्होंने चीन पर भी टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में चीन ने कदम उठाए। भारत पर भी 50 फीसदी टैरिफ लगाया गया था। ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध को रूस को एक हफ्ते में जीत लेना चाहिए था, लेकिन यह चार साल से चल रहा है। उन्होंने दावा किया कि भारत ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह बयान ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में दिया।
भारत ने क्या कहा?
ट्रंप के दावे के जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत तेल और गैस का बड़ा आयातक है। अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा पहली प्राथमिकता है। भारत अपने नागरिकों के हितों को ध्यान में रखकर ही फैसले लेता है।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
ट्रंप के बयान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मोदी ट्रंप से डरते हैं और उन्हें भारत के तेल आयात पर फैसला लेने और घोषणा करने देते हैं।
राहुल ने कहा कि मोदी बार-बार ट्रंप को बधाई संदेश भेजते रहते हैं। कांग्रेस पहले भी ट्रंप के दावों पर मोदी सरकार से सवाल उठाती रही है। ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए तनाव को कम करने में भूमिका निभाई, लेकिन भारत ने इसकी पुष्टि नहीं की।
भारत कितना तेल खरीदता है रूस से?
ट्रंप के टैरिफ के बावजूद भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में भारत ने रूस से 2.91 अरब डॉलर (2.5 अरब यूरो) का कच्चा तेल खरीदा। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और सितंबर में चीन के बाद रूस से तेल खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर में भारत ने रूस से 3.6 अरब यूरो के जीवाश्म ईंधन खरीदे, जिसमें 77 फीसदी कच्चा तेल, 13 फीसदी कोयला और 10 फीसदी तेल उत्पाद शामिल थे। रूस से कच्चे तेल का आयात प्रतिदिन 1.6 मिलियन बैरल रहा, जो पिछले महीनों की तुलना में 9 फीसदी कम था और फरवरी के बाद सबसे निचला स्तर था।

